चार धाम यात्रा में आने वाले डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों को सलाह
Char Dham Yatra : चार धाम यात्रा में बीपी,दमा और डायबिटीज के मरीज अपना विशेष ख्याल रखें, क्योंकि हिमालय की ऊंची पहाड़ियों पर जब तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं तो अचानक उन्हें कम तापमान और कम ऑक्सीजन की मुश्किलें झेलनी पड़ती है।ऐसे में कम ऑक्सीजन की वजह से शरीर पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है।
विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) में आने वाले डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों के शरीर का तापमान (Temperature) अचानक बदलता है इससे दिल की नसें सिकुड़ने लगती है और ब्लड सरकुलेशन में भी दिक्कत आनी शुरू हो जाती है। ऐसी परिस्थिति में यात्रा में जाने से पहले बीपी और दमा के रोगियों को अपनी जांच करा लेनी चाहिए।जिला चिकित्सालय कोरोनेशन के वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर एनएस बिष्ट के अनुसार वैसे तो इस बार स्वास्थ्य विभाग की ओर से चार धाम यात्रा में हर 1 किलोमीटर में चिकित्सकों की तैनाती की गई है, इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा मृत्यु दर में भी कमी आई है। उन्होंने यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों को सलाह देते हुए कहा कि चार धाम यात्रा मे जाने से पहले अपने बीपी की जांच करा लेनी चाहिए, यदि किसी को पहले से ही दमे का रोग है तो अपने साथ इनहेलर जरूर लेकर चलें, और ब्लड प्रेशर की दवा खाकर जाएं।
डॉक्टर बिष्ट के अनुसार दमे के रोगियों को यात्रा में धीरे-धीरे चलना चाहिए, क्योंकि धीमी गति से चलने में हार्ट अटैक की संभावनाएं बहुत कम होती है। उन्होंने कहा कि शुगर के मरीजों को यात्रा में अपने साथ दवा लेकर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा सुरक्षित यात्रा है, किन्तु जो लोग पहले से ही बीमार हैं, और ब्लड प्रेशर, दमा और डायबिटीज के रोगी हैं, उन्हें पहले 2 से 3 दिन बेस कैंपों में ठहरने के बाद ही पहाड़ चढ़ना चाहिए।