उत्तराखंड में वन विभाग की जमीन हो या अन्य दूसरे विभागों की, अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई जारी
उत्तराखंड में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ चल रही कार्रवाई जारी रहेगी वन विभाग (Forest Department) की जमीन हो या अन्य दूसरे विभागों की अगर उस पर अतिक्रमण हुआ है – तो उसे हटाने का काम प्रशासन की तरफ से किया जाएगा और इसके लिए बाकायदा जिलों में जिला अधिकारी (District Magistrate) की अध्यक्षता में कमेटी का गठन हो चुका है जो लगातार अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही कर रहे हैं।
उत्तराखंड में एक विशेष समुदाय की बढ़ती जनसंख्या अब सरकार के लिए चिंता का विषय बन गई है राज्य में पिछले कुछ वर्षो में जिस प्रकार से डेमोग्राफी (Demography) और जियोग्राफी (Geography) बदली है उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू हो चुकी है जिसने अवैध अतिक्रमण को हटाने का काम जारी है । जो लोग पुराने बसे हुए है उनके अधिकारों की रक्षा के लिए वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में एक कमैठी का गठन किया गया है जो इस विषय को देखने व अध्ययन करने जा काम करेगी ताकि सही के साथ गलत ना हो सके।
उत्तराखंड (Uttarakhand) में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है यह हम नही बल्कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कहते हुए नजर आ रहे है । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा की राज्य में अवैध बर्दाश्त नहीं होगा और जो सही है उसे छेड़ा नही जायेगा । सीएम धामी ने कहा की जब तक अवैध अतिक्रमण खतम नही हो जाता तब तक ये कार्यवाही जारी रहेगी ।
अतिक्रमण के खिलाफ चल रही कार्रवाई को कांग्रेस ने भाजपा का राजनीतिक स्टैंड करार दिया है कांग्रेस प्रवक्ता की माने तो कांग्रेस सरकार के समय मलिन बस्तियों को नियमित करने की कार्रवाई जारी थी जबकि भाजपा सरकार उन्हें उजाड़ने का काम कर रही है। वहीं भाजपा संघटन इसे राज्यहित में की जा रही कार्रवाई बता रहा है ।
अवैध अतिक्रमण जहां सरकार की चिंताएं बढ़ा रहा था वहीं इस अवैध अतिक्रमण में धार्मिक अतिक्रमण के नाम से ज्यादा वन विभाग (Forest Department) की भूमि पर अवैध कब्जे हो रहे थे जो देवभूमि के लिए सही नहीं थे। ऐसे में अब देखना यह होगा कि सरकार ने जो अवैध अतिक्रमण हटाने का निर्णय लिया है और जो कार्रवाई गतिमान है वह क्या निरंतर जारी रह पाती है या फिर विरोध के चलते सरकार उसे बंद करती है ।