अपने फर्ज से गद्दारी करने वाले फॉरेस्ट गार्ड सहित दो पर गिरी गाज अभी और बढ़ सकता हैं कार्यवाही का दायरा

अपने फर्ज से गद्दारी करने वाले फॉरेस्ट गार्ड सहित दो पर गिरी गाज अभी और बढ़ सकता हैं कार्यवाही का दायरा
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अपने फर्ज से गद्दारी करने वाले फॉरेस्ट गार्ड सहित दो पर गिरी गाज अभी और बढ़ सकता हैं कार्यवाही का दायरा

Forest Department : जंगलो के रखवालों के साथ ही जंगलो के माफीयाओ की गठजोड़ से जंगलो को उजाड़े का अभियान चलाया जा रहा था चंद पैसों के लालच में अपने फर्ज़ के साथ गद्दारी कर चैरी छुपे फाॅरेस्ट गार्ड लिप्टिस पैड़ो को कटवा रहे थे जिसकी जानकारी मिलते ही इमानदार डीएफओ प्रकाश चन्द्र आर्य द्वारा ऐसे बेइमान फाॅरेस्ट गार्डो पर कानून चाबुख चलाते हुए ऐसे जांच के निर्देश दिए हैं

आपको बता दें कि तराई पश्चिमी डिवीजन रामनगर की रेंज रामनगर के क्षेत्र ज्वाला वन में बड़ी संख्या में अवैध रूप से पेड़ काटने का मामला उजागर हुआ था। अवैध रूप से हरे सागौन और यूकेलिप्टस के पेड़ों के कटान का मामला उजागर होने के बाद तराई पस्चिमी डिवीजन  रामनगर के प्रभागीय वनाधिकारी प्रकाश चंद आर्य वन क्षेत्राधिकारी देवेंद्र सिंह रजवार तुरंत एक्शन मोड में आ गए मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच के आदेश दे दिए गए। ज्वाला वन क्षेत्र की कॉम्बिंग करवाई जिसमें अवैध रूप से हरे पेड़ों के कटान का मामला निकल कर सामने आया मामले की वास्तविकता को देखते हुए प्रभागीय वनाधिकारी प्रकाश चंद आर्य ने ज्वाला वन में तैनात फॉरेस्ट गार्ड को तुरंत निलंबित कर दिया और ज्वाला वन में तैनात वन दरोगा को कार्यालय में अटैच कर सस्पेंड कराने की कार्यवाही शुरू कर दी हैं ज्वाला वन में लंबे समय से अवैध पतन की सूचनाएं अधिकारियों को प्राप्त हो रही थी यह सारा खेल वन निगम की लौट के कटान की आड़ में धड़ल्ले से चल रहा था ज्वाला वन में तैनात कर्मचारी और अधिकारी वन तस्करों से मिलकर अवैध पतन करवा रहे थे पैसे कमाने के इसी जुनून ने उनको कानून के शिकंजे में फसा दिया जिन वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को जंगलों की सुरक्षा के लिए रखा गया है वही रक्षक जब भक्षक बन जाते हैं तो जंगलों की सुरक्षा कौन करेगा यह एक गंभीर सवाल है अभी कार्यवाही का दायरा और बढ़ सकता है जिन कर्मचारियों और अधिकारियों की इस पूरे प्रकरण में संलिप्तता है कहीं ना कहीं उनके दिलों की धड़कन भी बढ़ती हुई नजर आ रही है ज्वाला वन क्षेत्र में इससे पूर्व फॉरेस्ट गार्ड और वन दरोगा ने कितने हरे पेड़ों की कबर खुद वाई होगी यह भी एक जांच का गंभीर विषय है इतने बड़े प्रकरण को अंजाम देने के बाद भी स्थानीय कर्मचारी और अधिकारी इस पूरे प्रकरण को छुपाने का भरपूर प्रयास कर रहे थे लेकिन अवैध पातन की वीडियो के सामने आने के बाद इनके नापाक मंसूबों में कामयाब नही हो पाए।

 

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