यामीनविकट
ठाकुरद्वारा : फैक्ट्री परिसर में काम करते समय एक मजदूर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। घटना के घण्टो बाद फैक्ट्री प्रबंधन की सूचना पर परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनो ने फैक्ट्री प्रबंधन पर लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए पुलिस से कार्यवाही करने की मांग करते हुए फेक्ट्री के गेट पर ही धरना शुरू कर दिया। बाद में फैक्ट्री प्रबंधन ने मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपए का मुआवजा दे कर अपना पल्ला झाड़ लिया है।
रविवार की दोपहर लगभग तीन बजे उत्तराखंड की सीमा में काशीपुर रोड स्थित सूर्या रोशनी लिमिटेड में कार्य कर रहे मजदूर कामेंदर सिंह (30) वर्ष पुत्र मेहर सिंह निवासी मानावाला थाना ठाकुरद्वारा की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। फैक्ट्री प्रबंधन आनन फानन में युवक को लेकर सरवर खेड़ा स्थित एक निजी चिकित्सालय पहुंचा जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया इसके बाद फैक्ट्री प्रबंधन उसे काशीपुर स्थित लक्ष्मण दत्त भट्ट राजकीय चिकित्सालय ले गए जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची कुंडा थाना पुलिस ने युवक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया है। घण्टो बाद मिली घटना की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया परिजनो ने फैक्ट्री प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए फेक्ट्री के गेट पर धरना शुरू कर दिया। नाराज़ परिजनों ने घटना की सूचना ठाकुरद्वारा के पूर्व विधायक विजय यादव को दी जिसपर विधायक पुत्र अजय यादव मौके पर पँहुच गए लेकिन फेक्ट्री प्रबंधन के दबाव और भारी रसूख के चलते वँहा मौजूद पुलिस ने उन्हें और कई अन्य लोगों को हिरासत में ले लिया और प्रदर्शन कर रहे लोगो पर लाठियां भांज कर उन्हें तितर बितर कर दिया।इसके बाद प्रदर्शन कारियो की हिम्मत जवाब दे गई और उन्होंने मजबूर होकर फेक्ट्री की शर्तों पर फैसला कर लिया। बता दे कि मृतक परिजनों का इकलौता पुत्र था और शादीशुदा व्यक्ति था मृतक के दो बच्चे हैं जिसमे बड़ा बेटा विशाल जिसकी उम्र लगभग 7 वर्ष है तथा छोटी पुत्री ईशा है जिसकी उम्र लगभग 5 वर्ष है। मृतक दो माह पूर्व से सूर्य रोशनी लिमिटेड में लोडिंग अनलोडिंग का कार्य करता था। फैक्ट्री परिसर में हुई युवक की संदिग्ध मौत फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही की ओर इशारा कर रही है क्योंकि समय रहते अगर उसको उपचार मिलता तो शायद उसकी जान बच सकती थी। फैक्ट्री परिसर में भी डॉक्टर की सुविधा होती है इसलिए ये कहा जा सकता है कि अगर फैक्ट्री परिसर में मौजूद चिकित्सक ही उसकी समय से देखरेख कर लेते तो शायद उसका जीवन बच सकता था। सूर्य रोशनी लिमिटेड के जीo एमo संजीव कुमार जी से इस संबंध में फोन पर जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि मृतक के परिजनों को 2 लाख का मुआवजा कंपनी की तरफ से दे दिया गया है।इसके अलावा मृतक की पत्नी की कंपनी की तरफ से आजीवन 9000 हजार रूपये प्रति माह के हिसाब से पेंशन जारी की जाएगी जो मृतक की पत्नी के खाते में प्रत्येक माह जाती रहेगी। हालांकि ये वो राशि है जो फेक्ट्री कर्मियों का बीमा योजना के तहत मिलती है। कुल मिलाकर ये बात तो साफ है कि फेक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही के चलते पहले तो मजदूर की जान चली गई और बाद में अपनी दादागिरी के बल पर फैक्ट्री प्रबन्धन ने मनमाना फैसला भी करवा लिया।