तुंगनाथ घाटी में 13 सितंबर को हुई घटना इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है। एक बार फिर पहाड़ की नारी सब पर भारी पड़ी है। तुंगनाथ घाटी में पीढ़ी दर पीढ़ी रोजगार कर रहे मूल निवासियों को खदेड़ने आई प्रशासन और वन विभाग की टीम को उल्टा महिलाओं ने ही खदेड़ दिया। महिलाओं की हिम्मत देखिए,
जैसे ही जेसीबी एक ढाबे तो तोड़ने के लिये आगे बढ़ती है तो कुछ स्थानीय महिलाएं जेसीबी की बकेट के ऊपर चढ़ जाती हैं। तस्वीरें इस बात की गवाही दे रही हैं कि किस तरह महिलाओं ने अपनी जान की बाजी लगाई और ढाबों पर एक भी आंच भी नहीं आने दी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस दौरान महिलाओं के साथ अभद्रता की गई। उनके कान के कुंडल तक निकाल दिये गये। कई महिलाओं पर चोटें भी आई हैं और उनकी चूड़ियां तक टूट गई।
इस सबके बावजूद गांव के लोगों के खिलाफ़ सरकारी काम में बाधा डालने और सरकारी कर्मचारियों के साथ बदसलूकी के आरोप में मुकदमे भी दर्ज कर दिये गये हैं। ग्रामीणों के खिलाफ़ की गई इस कारवाई की हम भर्त्सना करते हैं। स्थानीय लोगों को प्रताड़ित करने और झूठे मुकदमे दर्ज करने को लेकर पूरे प्रदेश में उत्तराखंड क्रांति दल आंदोलन शुरू करेगा।