खनन माफियाओं पर प्रहार फिर चला वन विभाग का चाबुक व्हाट्सएप ग्रुप की वजह से हैं माफिया अब तक सक्रिय

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अज़हर मलिक

Forest Department : डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य के निर्देश पर लगातार वन विभाग की टीम में खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई करती हुई दिखाई दे रही है उसके बावजूद भी खनन माफियाओं का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा अवैध रूप से कोई ना कोई गाड़ी चोरी करते हुए वन विभाग की नजरों में आ ही जाती है, आज फिर वन विभाग की टीम ने गस्त के दौरान कुंडेश्वरी काशीपुर से डंपर 16 टायरा जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर UK 18CA8747 को बिना रॉयल्टी के उपखनिज ले जाते हुए पकड़ा वाहन को वन अभीरक्षा में लेकर हलदुआ चौकी परिसर में सुरक्षित खड़ा किया गया। आपको बता देंगे जनपद उधम सिंह नगर और नैनीताल में खनन माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हो चुके हैं कि आपने अवैध कारोबार को रोकने का नाम नहीं ले रहे हैं कार्रवाई के बावजूद भी खनन माफिया अपने अवैध धंधों पर लगाम लगाते हुए दिखाई नहीं दे रहे इन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि अधिकारियों पर हमला करने से भी नहीं चूकते है, बीते समय कहीं बाहर खाना माफियाओं ने वन विभाग की टीम पर हमला किया तो अभी कुछ दिन पहले ही काशीपुर एसडीएम पर भी खनन माफियाओं द्वारा जानलेवा हमला कर दिया गया था।

 

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आखिर कैसे होती खनन माफिया द्वारा अधिकारियों की फील्डिंग

आपको बता दें कि खनन माफियाओं द्वारा कुछ फील्डर लगाए गए हैं जो अधिकारियों की गाड़ियों के पीछे अपनी गाड़ियां लगते हैं और एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से अधिकारियों की लोकेशन शेयर करते रहते हैं और इसी व्हाट्सएप ग्रुप से अधिकारियों प्राइवेसी भी खत्म होती है और अधिकारियों को खतरा भी रहता है क्योंकि खनन माफिया इतनी बड़ी संख्या में ग्रुप बनाकर घूमते हैं कि किसी भी अधिकारी पर हमला करने से पहले सोच विचार नहीं करते। सिर्फ अधिकारियों को खतरा इन व्हाट्सएप ग्रुप या फिर खनन माफिया के साथ-साथ फील्डरों से ही नहीं बल्कि अधिकारियों के बीच उठ बैठ करने वाले कुछ माफियाओं के एजेंटो से भी है, जिनकी खुद की गाड़ियां अवैध कारोबार को अंजाम देती है साथ ही अपने आप को किसी डिपार्टमेंट का बताकर अधिकारियों को झूठ का पुलिंदा बनाकर उनको गुमराह करते है

https://www.thegreatnews.in/uttar-pradesh/uttarakhand-officials-action-against-mining-mafia-of-uttar-pradesh-forest-department/

जल्द नहीं की गई व्हाट्सएप ग्रुप माफियाओं पर कार्रवाई तो यूंही मंडराता रहेगा अधिकारियों पर खतरा।

 

इन व्हाट्सएप ग्रुप की वजह से अधिकारियों की प्राइवेसी खत्म होने लगी है अधिकारी कब किस से मिलते हैं कहां जाते हैं कब क्या करते हैं इस व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से लोगों तक सूचना पहुंच जाती है इन्हीं सूचनाओं की वजह से लोगो को खतरा बना हुआ है।

 

 

 

 

 

 

 

 

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