हल्द्वानी में बड़ा बवाल! बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने गई टीम पर पथराव, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

Advertisements

हल्द्वानी में बड़ा बवाल! बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने गई टीम पर पथराव, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

हेडर: हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने के विरोध में उतरे लोग

पुलिस पर पथराव

Advertisements

 

20 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल

 

पुलिस जीप, ट्रैक्टर समेत कई वाहनों में लगाई आग

 

 

 

 

एंकर उत्तराखंड में हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में मलिक के बगीचे में अवैध रूप से कब्जा कर बनाए गए नमाज स्थल और मस्जिद तोड़ने गई नगर निगम और पुलिस की टीम पर स्थानीय लोगों ने पथराव कर दिया। इसमें रामनगर कोतवाल समेत 20 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हो गए।

 

दरअसल हल्द्वानी पुलिस और नगर निगम की टीम मालिक के बगीचा में अतिक्रमण स्थल पर अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची ,जिसके बाद स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। लोगों ने जेसीबी के आगे बेरीकेटिंग फेंकी और पत्थरबाजी भी शुरू हो गई है।उपद्रवियों ने नगर निगम की जेसीबी तोड़ दी और पुलिस जीप, ट्रैक्टर समेत कई वाहनों पर आग लगा दी। छतों पर मौजूद युवा लगातार पथराव कर रहे हैं। पुलिस ने भी बचाव में पथराव किया और कई राउंड आंसू गैस के गोले भी दागे। देर शाम उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाना फूंक दिया। इस बीच रुद्रपुर से दो कंपनी पीएसी हल्द्वानी के लिए रवाना हो गई है।नगर निगम ने बनभूलपुरा के इंदिरा नगर इलाके में मलिक के बगीचे में बने मस्जिद और मदरसे को तोड़ने की बृहस्पतिवार की दोपहर से तैयारी शुरू कर दी थी। दोपहर ढाई बजे तक कोतवाली के बाहर हल्द्वानी के आसपास के थानों की फोर्स और तीन बस रिजर्व पुलिस की पहुंच गई थी। बताया जा रहा है शाम 4 बजे पुलिस फोर्स के साये में नगर निगम की टीम ने अतिक्रमण ढहाने पहुंची। इसका स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। बड़ी मुश्किल से पुलिस ने जेसीबी और टीम को अंदर पहुंचाया। कार्रवाई शुरू होती तभी तीन ओर से स्थानीय लोग पहुंच गए और विरोध करने लगे।

 

 

https://www.thegreatnews.in/uttarakhand/bjp-national-secretary-maninder-singh-on-uttarakhand-tour/

लोगों को वहां से हटाने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया, जिस पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस टीम पर तीनों ओर से पत्थरों की बारिश होने लगी, बमुश्किल टीम के लोग बैरिकेडिंग के पीछे छिपकर खुद को बचते नजर आए।प्रदर्शनकारियों ने मौके पर मौजूद नगर निगम की जेसीबी भी तोड़ दी। इससे करीब 15 मिनट तक काम रुका रहा। इस बीच दूसरे जिलों से और फोर्स बुला ली गई।उपद्रवियों को रोकने के लिए पुलिस को कई राउंड आंसू गैस के गोले दागने पड़े।

 

इसके बाद भी पथराव जारी रहा। स्थानीय लोगों ने टायर जलाकर रास्ता बंद कर दिया। उपद्रवियों ने आसपास के कई वाहनों को आग लगा दी।बवाल की सूचना पर हल्द्वानी का बाजार बंद हो गया। इधर कुछ लोगों ने बनभूलपुरा थाने में भी आग लगा दी। इस एसएसपी ने कुछ फोर्स को थाने की ओर मूव कराया।मौके पर एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा, एसपी सिटी हरबंस सिंह, नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह सहित तमाम अधिकारी तैनात हैं।

 

आपको बता दें कि उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के मलिक और अच्छन खान के बगीचे क्षेत्र में हुए अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण वाले नोटिस पर रोक लगाने संबंधी याचिका में राहत देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की वैकेशनल एकलपीठ ने मामले को सुनते हुए अगली तिथि 14 फरवरी के लिए तय की है

 

क्या है ये पूरा मामला आइए जानते है एक नजर में

 

 

 

2013 में एक जनहित याचिका में कहा गया कि रेलवे स्टेशन के पास गौला नदी में अवैध खनन हो रहा है। याचिका में कहा गया कि अवैध खनन की वजह से ही 2004 में नदी पर बना पुल गिर गया। याचिका पर कोर्ट ने रेलवे से जवाब मांगा। रेलवे ने 1959 का नोटिफिकेशन, 1971 का रेवेन्यू रिकॉर्ड और 2017 का लैंड सर्वे दिखाकर कहा कि यह जमीन रेलवे की है इस पर अतिक्रमण किया गया है। हाईकोर्ट में यह साबित हो गया कि जमीन रेलवे की है। इसके बाद ही लोगों को जमीन खाली करने का नोटिस दिया गया। लोगों ने जमीन खाली करने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से इन लोगों का भी पक्ष सुनने को कहा। लंबी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने इस इलाके में अतिक्रमण की बात मानी। बीते 20 दिसंबर को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे भूमि से अतिक्रमण की बात मानते हुए इसे हटाने का आदेश दे दिया। इस बीच दो जनवरी को प्रभावितों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी थी।

अतिक्रमण हटाने को लेकर कब क्या हुआ –

– हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर को रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे।

– 28 दिसंबर को रेलवे-प्रशासन की टीम पिलरबंदी करने पहुंची तो बनभूलपुरा के हजारों लोगों ने 10 घंटे सड़क पर बैठकर शांतिपूर्ण आंदोलन किया।

– 29 दिसंबर को बनभूलपुरा क्षेत्र की हजारों महिलाओं ने कैंडल मार्च निकाला।

– 29 दिसंबर को जिला प्रशासन ने पुलिस फोर्स को रोकने के लिए व्यवस्था का जायजा लिया।

– 30 दिसंबर को बनभूलपुरा क्षेत्र में आमसभा हुई।

– 31 दिसंबर को रेलवे ने अखबारों में अतिक्रमण हटाने का सार्वजनिक नोटिस जारी किया।

– दो जनवरी को रेलवे ने मुनादी शुरू की।

– दो जनवरी को बनभूलपुरा मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई।

– तीन से पांच जनवरी तक बनभूलपुरा में दुआओं का दौर चलता रहा।

– पांच जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दे दिया और अगली तिथि सात फरवरी नियत की थी जिसके बाद सुनवाई में कोर्ट ने अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण के नोटिस पर रोक लगाने संबंधित याचिका पर राहत देने से इंकार कर दिया था।

 

 

Advertisements
THE GREAT NEWS

THE GREAT NEWS

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *