नगर में तैनात दो कॉन्स्टेबल लगा रहे हैं पुलिस की शाख पर बट्टा,जांच हो तो खुलेंगे कच्चे चिट्ठे
यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : कोतवाली में तैनात दो सिपाही चर्चाओं में, बने हैं कमाऊ पूत अमन कमेटी की बैठक में मौजूद गणमान्य लोगों ने भी दिया कोतवाली प्रभारी को इशारा
जी हां कोतवाली में तैनात दो कांस्टेबल अपनी कार्यशैली को लेकर इन दिनों नगर में चर्चा का कारण बने हुए हैं। नगर में तैनात ये कांस्टेबल आमतौर पर ऐसे लोगों को अपने घेरे में लेते है जिनपर पहले से कोई मुकदमा दर्ज होता है।
चर्चा है कि ऐसे व्यक्ति को उक्त कांस्टेबल पकड़कर कोतवाली ले आते है और उसे कार्यालय से अलग किसी बैरक में बैठा देता है जंहा उसे जेल भेजने का ख़ौफ़ दिखाया जाता है और उसके बाद उससे सौदा कर उसे छोड़ दिया जाता है। वर्तमान समय में इन कांस्टेबलो के निशाने पर अधिकतर नगर की कुरैशी जाति के लोग हैं जिनका रोजगार आमतौर पर मीट बेचने का है।
इनमें से कुछ लोगो पर कुछ समय पूर्व के पशुक्रूरता के मुकदमे दर्ज हैं और इसी बात का फायदा उक्त सिपाहियों द्वारा उठाया जाता है। पकड़कर लाये गए व्यक्ति की सिफारिश में जब कोई जाता है तो कांस्टेबलो द्वारा उससे कहा जाता है कि वह बाहर रहकर गौकशी का काम कर रहा है और उसे जेल भेजा जाएगा। ऐसे में पकड़े गए व्यक्ति की सिफारिश करने वाला भी गौकशी के नाम से डर जाता है और फिर होता है सौदा तब कंही जाकर पकड़े गए व्यक्ति को छोड़ा जाता है। कमाऊ पूत बने इन कांस्टेबल को बेहद तेज़ तर्रार सिपाही माना जाता है।
और इसीलिए कोतवाली में भी इनका खासा दबदबा कायम है। गुडवर्क के नाम पर जबतक फ़र्ज़ी मुकदमे दर्ज होते रहेंगे तब तक हर कोतवाली में ऐसे ही कमाऊ पूत पैदा होते रहेंगे, इन कमाऊ पूतों की जांच होना भी उतना ही ज़रूरी है जितना कि अपराध पर अंकुश लगाना जरूरी है। विश्वस्त सूत्रों से ये भी पता चला है कि उक्त कांस्टेबलो ने अबतक दर्जनों लोगों को इसी तरह अपना शिकार बनाकर उनसे खासी रकम वसूली है इन कॉन्स्टेबलों के कारनामों के कारण आम जनमानस में कोतवाली पुलिस की छवि को बेहद नुकसान पहुंच रहा है।
मंगलवार को कोतवाली में आयोजित अमन कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया था। आमतौर पर ऐसी बैठकों में पँहुचे लोग अक्सर पुलिस की कार्यप्रणाली पर चापलूसी का लबादा चढ़ा कर पुलिस की तारीफ में कशीदे पढ़ते हैं लेकिन इस बैठक में कोतवाली में तैनात इन कॉन्स्टेबलों की चर्चा करते हुए इशारों इशारों में इनपर नगर में नशे के कारोबार में लिप्त होने की बात भी सामने आई है। सूत्रों के अनुसार इन दोनों कॉन्स्टेबलों का नगर के जुआरियों से भी गहरा नाता है और चर्चाएं हैं।
कि नगर के इन जुआरियों को जुए की खुली छूट देने के लिए भी ये दोनों सुविधा शुल्क वसूलते हैं जो काफी शर्मनाक है। अब देखना होगा कि नवागत कोतवाली प्रभारी इन कॉन्स्टेबलों के खिलाफ कोई एक्शन लेते हैं या फिर ये कॉन्स्टेबल इसी तरह पुलिस की शाख पर बट्टा लगाते रहेंगे।