मोदी जी चार सौ पार और हमारी जीत का अंतर पांच लाख पार-रमेश अवस्थी

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मोदी जी चार सौ पार और हमारी जीत का अंतर पांच लाख पार-रमेश अवस्थी

आलोक अग्रवाल

कानपुर :  लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के कर्मठ व जुझारु उम्मीदवार रमेश अवस्थी ने कहा कि उनकी किसी विपक्षी प्रत्याशी से कोई टक्कर नहीं है। लड़ाई जीत के अंतर की है। श्री अवस्थी ने भरपूर आत्मविश्वास के साथ कहा ‘‘मोदी जी चार सौ पार और हमारी जीत का अंतर पांच लाख पार।’’ भाजपा प्रत्याशी रमेश अवस्थी ने खास बातचीत में कहा कि विपक्षियों का चुनाव प्रचार ही नहीं दिख रहा है। विपक्षी अपना प्रचार ही नहीं कर पा रहे हैं। टक्क्र किसी से नहीं है।

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उन्होंने कहा कि विपक्षियों के पास कुछ बोलने-कहने के लिये नहीं है। वह सौ प्रतिशत के काम में एक प्रतिशत की कमी की तलाश में रहते हैं। विपक्षी कमियां निकालने की बात कर रहे है, सच यह है कि उनका अपना कोई प्रचार ही नहीं है। ‘उनके’ अपने लोग ही टूट गये हैं। ‘उन्हें’ अपने घर का ही समर्थन नहीं मिल पा रहा है। लिहाजा, टक्कर की बात सोचना और कहना बेकारी की बात है।

 

 

 

 

लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रमेश अवस्थी शनिवार 20 अप्रैल को अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया है। नामांकन के बाद उत्साह से लवरेज भाजपा प्रत्याशी ने एक्सक्लूसिव बातचीत में अपनी पांच लाख वोटों से जीत की उम्मीद जताई। कहा कि लड़ाई हार-जीत की नहीं बल्कि जीत के अंतर की है। वह बोले कि इस बार ‘‘मोदी जी चार सौ पार और हमारी जीत का अंतर पांच लाख पार।’’

 

 

 

एक सवाल के जवाब में श्री अवस्थी ने कहा कि भाजपा संगठन एक विस्तृत परिवार है। सबसे बड़ी यह है कि किसी तरह की गुटबाजी नहीं है। कोई गुटबाजी नहीं फिर भी लोगों को गुटबाजी दिख रही है। गुटबाजी की बात कहने वाले लोग अपने यहां की गुटबाजी देखें। उन्होंने कहा कि सांसद सत्यदेव पचौरी मेरे बड़े भाई के रुप में हैं। वह मेरे गार्जियन हैं, आज से नहीं बल्कि आज से बीस साल पहले से श्री पचौरी ने मरे गार्जियन की भूमिका निभाई है।

 

 

 

राजनीति के क्षे़त्र में आपके आदर्श कौन रहे? इस सवाल पर श्री अवस्थी कहते हैं कि ‘‘सबसे पहले तो मैं माननीय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी से प्रभावित रहा, एक पत्रकार के रुप में भी मै उनसे प्रभावित रहा हूं, उनके कवि हृदय से प्रभावित रहा, उनके जो विचार थे, उनसे प्रभावित रहा। उनके बाद श्री नरेंद्र मोदी जी से प्रभावित होकर मैंने 2014 में सक्रिय राजनीति में पदार्पण किया।

 

 

 

 

उन्होंने बताया कि अटल जी की जयंती पर हर साल 2007 से लगातार कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन करता हूं। कानपुर के अलावा बांदा-चित्रकूट समेत कई जगहों पर अटल जी जयंती पर कवि सम्मेलनों का आयोजन किया गया है। फर्रुखाबाद के बद्री विशाल कालेज में 1990 में छात्र संघ अध्यक्ष रहे श्री अवस्थी ने अपने पॉलिटिकल कैरियर की शुरुआत छात्र राजनीति के साथ की थी। इसके बाद वह अटल जी से प्रभावित होकर पत्रकारिता से जुड़ गये थे। वह कहते हैं कि ‘‘मैं न तो राजनीति में नया हूं और पत्रकारिता हमारा पेशा रहा है। जीवन के 32 साल पत्रकारिता को समर्पित किये हैं।

 

 

 

 

मजाकिया लहजे में हर दिल अजीज बनी मैंगो पार्टी के आयोजन की बाबत चर्चा किये जाने और यह पूछे जाने पर कि ‘माननीय’ बनने के बाद भी यह आयोजन जारी रहेगा? इस पर उन्होंने कहा कि आम पार्टी के आयोजन का उद्देश्य लोगों को जोड़ने का था। आम से खास को जोड़ने का कार्य संपादित किया जाता है। हंसते हुये उन्होंने कहा कि जो लोग कड़ुवाहट भरने का काम कर रहे है, वह आम खाकर मिठास लायें। लोग कड़ुवाहट भुलाकर आम का स्वाद लें और समाज में कड़ुवाहट नहीं बल्कि मिठास घोलें। मिठास देने का प्रयास कानपुर से लेकर दिल्ली तक बदस्तूर जारी रहेगा। यह भी हो सकता है कि कानपुर की प्राकृतिक मिठास विदेशों तक में पहुंच जाये।

 

 

 

ईश्वर पर कितना विश्वास है? श्री अवस्थी तपाक से कहते हैं कि बिना ईश्वरीय कृपा के कुछ भी संभव नही। बचपन से ही सनातन के लिये काम करता आया हूैं। हिंदू होने का मुझे गर्व है। प्रदेश की सबसे बड़ी सनातन यात्रा हमने निकाल कर इस बात का उदाहरण पेश किया है। राम मंदिर की प्रतिष्ठा से पहले निकाली गई सनातन यात्रा को हमेशा-हमेशा याद रखा जायेगा। मैं कर्म करता हूं और कर्म करने के बाद ईश्वर पर छोड़ देता हूं। लोकसभा चुनाव के लिये भाजपा का टिकट मिलना ईश्वर का दिया हुआ प्रतिफल ही है। एक छोटे से कार्यकर्ता को पार्टी ने टिकट दिया है, यह सिर्फ भाजपा में ही संभव है।

 

 

 

 

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