उत्तराखंड काशीपुर की फैक्ट्री की चिमनियों से निकली राख छीन रही आंख की रोशनी, मिट्टी की जगह राख का भराव करा रहे हैं लोग
_बहुत बड़े पैमाने पर उत्तराखंड से ट्रैक्टर ट्राली से ढोई जा रही है यूपी की सीमा में काली राख,
यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : फैक्ट्री की चिमनियों से निकली काली राख का निस्तारण करने के लिए फैक्ट्रियां ठेकेदारों को मोटी रकम अदा करती है। ठेकेदार इस राख को मकान के भराव में डालने के लिए लोगों से पैसा वसूल कर प्रति माह लाखों के वारे के न्यारे करते हैं। लेकिन सड़को पर सरपट दौड़ते ट्रैक्टर ट्राली से उड़ती यह राख कई बार लोगों की आंख की रोशनी छीन कर उनकी जिंदगी में अंधेरा कर रही है। इस पर रोक लगाने के लिए भाजपा ने भी मोर्चा खोल दिया है।
राज्य सीमा पर उत्तराखंड क्षेत्र में बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयां स्थित है। इनकी चिमनियों से काली राख निकलती है। इस राख का निस्तारण करने के लिए फैक्ट्री के मालिक ठेकेदारों को बहुत मोटी रकम अदा करते हैं। ठेकेदार इस राख को मकान की जमीन के भराव के लिए बेचते हैं। प्रतिदिन दर्जनों ट्रैक्टर ट्रालियां यह राख लेकर यू पी की सीमा में घुस जाती है। रास्ते में ट्रालियों से उड़ती ये राख अगर राहगीरों और वाहन चालकों की आंख में चली जाए तो आंख की रोशनी जाने की पूरी संभावना हो जाती है।
अनेक सामाजिक संगठन व अन्य लोग लंबे समय से राख की ढुलाई पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं लेकिन स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।