क्या मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पत्रकारों के लिए पुलिस का नज़रिया बदलेगा ?

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क्या मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पत्रकारों के लिए पुलिस का नज़रिया बदलेगा ?

यामीन विकट

लंबे अरसे के बाद पत्रकारों के लिए एक राहत की खबर है प्रदेश के मुखिया, तेजतर्रार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस और मीडिया के बीच अच्छे तालमेल के लिए एक बहुत अच्छा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ने लखनऊ में हुई बैठक में पुलिस के उच्चाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं ।

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कि पुलिस मीडिया से दूरी न बनाये, उनसे कुछ छिपाया न जाये, मीडिया कर्मियों का सम्मान किया जाए, आदि,सबसे पहले तो मुख्यमंत्री की इस सोच को सलाम कि उन्होंने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया और उसपर गंभीरता से गौर करते हुए उक्त दिशानिर्देश जारी किए। यंहा सवाल यह उठता है कि क्या भृष्टाचार में लिप्त पुलिस कर्मी ( सभी नही) इस आदेश को ज़मीनी स्तर पर लागू करेंगे ?

 

 

 

छोटी छोटी बातों को मीडिया से छिपाने की आदत से मजबूर हो चुके कुछ पुलिस कर्मी क्या वाकई पत्रकारों को समाचार संकलन में मदद करेंगे ? फ़र्ज़ी ढंग से किये गए गुड वर्क का जोरो से प्रचार प्रसार कराने के लिए कोतवाली में पत्रकारों को अक्सर चाय पर बुलाकर अपने ढंग से खबर छपवाकर अपनी ही पीठ थपथपा ने वाली पुलिस क्या अन्य खबरें भी पत्रकारों से सांझा करेगी ? क्या थानों में अब दलालों के मुकाबले पत्रकारों को ज़्यादा सम्मान मिलने वाला है ? कानो में ईयर फोन लगाकर कोतवाली ऑफिस में बैठे मुंशी और मुंशनिया अब पत्रकारों के समाचार संकलन में मदद करने के लिए पत्रकारों से सीधे मुंह बात किया करेंगे ? प्रदेश के मुख्यमंत्री के उक्त आदेश के बाद ऐसे ही अनगिनत सवाल शायद मेरे ही मन में नही बल्कि तपती धूप, ठिठुरती सर्दी,और भयंकर बरसात में अपनी जान हथेली पर रखकर नाममात्र की तनख्वाह पर काम करने वाले हर एक पत्रकार के मन में उठ रहे होंगे। हर मौसम में हर हाल में लोगों तक पूरे दिन की अच्छी बुरी खबरें एकत्र कर के उनतक पंहुचाने वाले पत्रकारों की हालत इतनी खराब है कि जल्दी से इसका अंदाज़ा भी नहीं लगाया जा सकता है।

 

 

 

ऊपर से सरकारी अधिकारी (खासतौर पर पुलिस) पत्रकारों के साथ अक्सर बुरे ढंग से ही पेश आते हैं (इसमे कुछ अपवाद भी हो सकते हैं,) ऐसे हालात में पुलिस कर्मियों पर मुख्यमंत्री के आदेश का कितना असर पड़ता है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन मुख्यमंत्री ने इस आदेश में जिस दूरदर्शिता का परिचय दिया है उसकी जितनी तारीफ की जाए वो कम है।

 

 

 

 

 

 

यंहा ये भी बता दें कि उच्चाधिकारी अगर मुख्यमंत्री द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देश का सही ढंग से पालन कराने में सफल हो जाते हैं और पुलिस तथा मीडिया के बीच अच्छे रिश्ते बन जाते हैं तो इसका सीधा फायदा पुलिस को ही होगा क्योंकि किसी भी मामले में पुलिस को हमेशा लोगो के सहयोग की ज़रूरत होती है और मैं समझता हूँ कि रिश्ते बेहतर हों तो पत्रकारों से अच्छा सहयोग शायद कोई नही कर सकता है।

 

 

 

 

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