मोटी कमाई के लालच में अवैध प्लाटिंग के गोरखधंधा जारी प्रोपर्टी डीलर आपस में भी एक दूसरे को लगा रहे हैं चूना,
यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : क्षेत्र में मोटी कमाई के चक्कर में नियम कानून को ताक पर रखकर क्षेत्र में अवैध रूप से बिना सरकारी अनुमति के नियम कानून को धता बताते हुए कृषि उपयोगी उपजाऊ भूमि पर अवैध रूप से प्लाटिंग का गोरखधंधा जोरों पर जारी है।
जिससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचने के साथ ही कृषि भूमि का रकबा भी लगातार घटने से क्षेत्रीय बुद्धिजीवी बेहद चिंतित है। नगर के साथ ही क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग के गोरख धंधे में संलिप्त धंधेबाज बिना किसी सरकारी अनुमति के कृषि योग्य उपजाऊ भूमि पर अवैध रूप से नियम कानून को ठेंगा दिखाकर प्लाटिंग के नाम पर मोटी कमाई करने में जुटे हुए हैं।
इस समय क्षेत्र में आलम यह है। कि किसानों को पैसे का लालच देकर प्लाटिंग के धंधेबाज उपजाऊ भूमि को खरीदने में लगे हुए हैं। क्षेत्र में इतनी तेजी से प्लाटिंग का गोरखधंधा चल रहा है कि कुछ समय तक यदि यही हालत रही तो उपजाऊ कृषि भूमि प्लाटिंग की भेंट चढ़ने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है और इसके चलते निकट भविष्य में खाद्यान्न का गंभीर संकट पैदा होने की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता है।
यह अवैध प्लाटिंग के धंधेबाज ग्राहकों को लुभाने के लिए सड़क बिजली पानी की व्यवस्था का झांसा देकर धड़ल्ले से उन्हें अपने माया जाल में फंसा रहे है। हालांकि प्रशासन के प्लाटिंग के नियम भी निर्धारित है इसके तहत प्लाटिंग के पहले भूखंड का नक्शा पास कराना व प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य होता है वही प्रॉपर्टी डीलर के पास लाइसेंस भी होना जरूरी है लेकिन इस क्षेत्र में यह सारे नियम धूल चाटते नजर आ रहे हैं। क्षेत्रीय जागरूक लोगों द्वारा अवैध प्लाटिंग के गोरखधंधे पर रोक लगाए जाने को लेकर लगातार मांग किए जाने के बावजूद संबंधित अधिकारियों की उदासीनता के चलते अवैध प्रोपर्टी डीलर बेखौफ होकर अवैध प्लाटिंग को अंजाम देने में लगे हुए हैं। वही कुछ दिन पूर्व भी नगर पालिका बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पेश किया गया था कि जल्द ही अवैध प्लाटिंग पर पालिका का डंडा चलेगा लेकिन ये प्रस्ताव भी खोखला साबित हुआ और जमीनी स्तर पर इस पर कोई कार्यवाही नहीं कि गई।
उधर ये भी चर्चा है कि प्रॉपर्टी डीलर आपस में भी एक दूसरे को चूना लगाने में भी पीछे नहीं हैं आएदिन ऐसे मामले भी देखने को मिल रहे हैं कि प्रोपर्टी डीलर पैसे का हेरफेर कर आपस में ही भिड़ने को तैयार रहते हैं। स्थानीय प्रशासन को इस अवैध गोरखधंधे पर ध्यान देना होगा ताकि लोगों को सब्ज़बाग दिखाकर उनकी खून पसीने की कमाई का दुरुपयोग न किया जा सके।