आखिर क्यों थरथरा रही है वाजिद पर वन विभाग की कार्यवाही की कलम
Forest department : उत्तराखंड में वैसे तो धाकड़ धामी के धाकड़ निर्देश और अधिकारियों के धाकड़ फसलों की वजह से उत्तराखंड की एक नई छवि उभर कर आई है। लेकिन उत्तराखंड के वन विभाग में कुछ ऐसे भी अधिकारी हैं।
जो धाकड़ धामी के निर्देशों की जमकर धज्जियां उड़ाते दिखाई दिखाई दे रहे हैं ऐसा ही मामला रामनगर डिवीजन के वन विभाग से सामने आया है जहां एक वाजिद नाम का शख्स बिना परमिशन बिना अनुमति के जंगलों के अंदर अपने वाहनों के साथ घुस जाता है और वन सम्पदा को खुर्द बुर्द कर लाखों के बारे न्यारे करता हुआ दिखाई दे रहा है लेकिन उसके बावजूद भी वन विभाग की पूरी टीम वाजिद नाम के इस व्यक्ति पर कार्यवाही करने के नाम पर थरथराती हुई दिखाई दे रही है,
उत्तर प्रदेश के एक शख्स का उत्तराखंड के जंगलों इतना बोल वाला है कि उत्तराखंड के रामनगर डिवीजन के किसी भी जंगल के अंदर अपने बिना नंबर प्लेट के वाहनों के साथ घुस जाता है और बहुमूल्य वन सम्पदा को नुकसान पहुंचा कर अपने वाहनों में वन संपत्ति को भरने के बाद रामनगर के जंगलों से निकलकर उत्तर प्रदेश और काशीपुर की फैक्ट्री में भी भेजता है लेकिन हुक्मरानों को इतनी भी खबर नहीं के ना तो इस माफ़िया को जंगलों के अंदर वन विभाग पकड़ पता है और ना ही सड़क पर चलने वाले परिवहन विभाग के अधिकारी इन ओवरलोड आवर हाइट बिना नम्बर के वाहनों को देख पाते हैं,
इतना ही नहीं की जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी खबर होने के बाद भी बेखबर होकर जिम्मेदार अधिकारी बैठे रहते हैं और वाजिद के कारनामों पर पर्दा भी डालने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। अगर वन विभाग के अधिकारी को कार्रवाई करनी होती तो वाजिद के वाहन अब तक वन विभाग के अधिकारी सीज भी कर देते और जिस फैक्ट्री में वाजिद द्वारा वन संपत्ति को बेचा जा रहा है उसे फैक्ट्री पर भी कार्रवाई की कलम चल जाती लेकिन मजाल वाजिद के ऊंचे रसूख के सामने वन विभाग के अधिकारियों की कोई कार्यवाही भी हो जाए।
बरहाल कुछ भी हो धाकड़ धामी के फैसले हो या फिर धाकड़ धामी के अधिकारियों के धाकड़ एक्शन उसके बावजूद भी कुछ अधिकारी इस उत्तर प्रदेश के रहने वाले वाजिद के आगे नागमस्तक बने बैठे हैं और इन अधिकारियों के चलते धामी के साफ सुथरे दामन पर भी दाग लगता हुआ दिखाई दे रहा है। इस उत्तर प्रदेश के वाजिद पर कब होगी कार्यवाही इसका जबाब अभी किसी के पास मिलता नजर नही आ रहा है।