ढेला का पानी या विभाग की तैयारी कौन जीतेगा जंग काशीपुर
अज़हर मलिक
हर साल ढेला नदी का पानी काशीपुर के लोगों की धड़कनें बढ़ा देता है। बाढ़ का पानी न सिर्फ घरों में घुसता है, बल्कि लोगों की उम्मीदों को भी बहा ले जाता है। इस बार फिर सिंचाई विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। सीसी ब्लॉक और पत्थरों की पिचिंग से नदी को काबू में करने की योजना बनाई गई है। लेकिन सवाल ये है—क्या यह तैयारी ढेला नदी के गुस्से को शांत कर पाएगी, या एक और मानसून की बारिश इसे बहा ले जाएगी?
लगभग पांच महीने पहले, काली बस्ती, मधुवन नगर और लक्ष्मीपुर पट्टी में बाढ़ से बचने के लिए सीसी ब्लॉक लगाए गए थे। लेकिन तेज बहाव के सामने वो ब्लॉक टिक नहीं पाए। इस बार, 20-20 लाख रुपये के बजट के तहत पांच नए सीसी ब्लॉक बनाए जा रहे हैं और पत्थरों की पिचिंग का काम शुरू हुआ है। सिंचाई विभाग के जेई अवनीश कुमार का कहना है कि संवेदनशील जगहों की पहचान कर ली गई है और वहां सुरक्षा का इंतजाम हो रहा है।
लेकिन क्षेत्र के पूर्व पार्षद अब्दुल कादिर को यह इंतजाम काफी नहीं लगते। उन्होंने कहा कि ढेला नदी का गुस्सा रोकने के लिए और ठोस उपायों की जरूरत है। उनका मानना है कि यह तैयारियां केवल कुछ वक्त के लिए राहत दे सकती हैं, स्थायी समाधान के लिए ज्यादा मजबूत कदम उठाने होंगे।
अब देखना यह है कि इस बार की तैयारी ढेला नदी के कहर को रोक पाती है या फिर बाढ़ का पानी इसे फिर से बहा ले जाता है।