ईश्वर की इच्छा ही सर्वोपरि प्रचारक मुखी ब्रह्म प्रकाश गुप्ता
यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : नगर स्थित निरंकारी सत्संग भवन पर मासिक साधसंगत का आयोजन किया गया जिसमें मुखी ब्रह्म प्रकाश गुप्ता ने सतगुरु के विचारामृत को साधसंगत के समक्ष रखा।
रविवार को निरंकारी सत्संग भवन पर मासिक साधसंगत का आयोजन किया गया जिसमें मुखी ब्रह्म प्रकाश गुप्ता ने सतगुरु के विचारामृत को साधसंगत के समक्ष रख कर बताया कि हमें निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज के द्वारा दिए गए विस्तार से असीम की ओर के सिद्धांत पर जीवन यापन करना है। उन्होने आगे कहा कि ये मानव जीवन अनमोल है। सतगुरु हमारे भ्रम दूर करता है।हमको हर परिस्थिति में ईश्वर और सतगुरु का शुक्रिया अदा करना चाहिए।ज्ञान की आंखों से जीवन व्यतीत करना चाहिए। सेवा, सिमरन,सत्संग नियमित करना चाहिए।उन्होंने आगे कहा कि संतो की सेवा करते रहना चाहिए, इससे गुरुकृपा बनी रहती है।सब कुछ ईश्वर की कृपा से ही हो रहा है,क्योंकि ईश्वर की इच्छा ही सर्वोपरि होती है। इसीलिए हर परिस्थिति में ईश्वर पर विश्वास और शुकराना बना रहे। हमारे जीवन में आने वाले कष्ट हमें मजबूत करते हैं। इसीलिए हमें तन मन धन से सतगुरु के चरणों में समर्पित रहना चाहिए।हम सबका जीवन गुरसिख वाला होना चाहिए, क्योंकि संत हमेशा संत ही रहता है। उन्होंने आगे कहा कि सद्कर्म करने से ही मानव जीवन का कल्याण होता है। इस दौरान मंच संचालन ओमप्रकाश सिंह ने किया संचालक रामकुमार सिंह,शिक्षक राकेश कश्यप,रघुनाथ सिंह,मनजीत सिंह,दीपक कुमार, राकेश कुमार, ओमप्रकाश सिंह,मुकेश कुमार, मुनेश चौहान,जिगिशु त्रिवेदी,केवल सिंह, रिक्की, डॉ कुलदीप कुमार, चंद्रपाल पंडित जी,रामकुमार चौधरी, वेदप्रकाश शर्मा,नरेश चंचल, योगेश, शुभम् ,वंदना चौहान, सुनीता अग्रवाल, रितु गुप्ता,शकुंतला,कृपा, अंजलि, सविता,भावना गुप्ता, वैशाली,ओमवती, पूनम, राजबाला चौहान सहित अन्य भक्त साधसंगत में मौजूद रहे।