उत्तराखंड में नशे के सौदागरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 127 किलो गांजा बरामद
सलीम अहमद साहिल
रामनगर : उत्तराखंड के युवा जहां एक ओर देश की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात होकर देश का गौरव बढ़ा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नशे के सौदागर इस देवभूमि को “उड़ता पंजाब” बनाने की साजिश रच रहे हैं। नशे के जाल में फंसाकर उत्तराखंड के युवाओं को नशेड़ी बनाने की कोशिशें राज्य के भविष्य को संकट में डाल रही हैं। हालात को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने नशे के सौदागरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक कुंटल 27 किलो गांजा बरामद किया है।
रामनगर पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई में 4 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। पहली घटना मालधन क्षेत्र के शिवनाथपुर गांव की है, जहां पुलिस ने एक घर में बने गुप्त कमरे से 110.45 किलो गांजा बरामद किया। इस मामले में नरेश कुमार और उसकी पत्नी कविता को गिरफ्तार किया गया। दूसरी घटना पिरुमदारा क्षेत्र में हुई, जहां वाहन चेकिंग के दौरान एक टाटा टियागो कार से 17.14 किलो गांजा बरामद हुआ। इस मामले में दिग्विजय सिंह और नेमपाल यादव को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि यह गांजा अल्मोड़ा के सराईखेत से मंगवाया गया था।
इस कार्रवाई को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल के निर्देशन और रामनगर क्षेत्राधिकारी के पर्यवेक्षण में अंजाम दिया गया। इस सफलता के लिए पुलिस टीम को ₹2500 के इनाम की घोषणा की गई है।
उत्तराखंड पुलिस का यह कदम यह साफ संदेश देता है कि देवभूमि में नशे का कारोबार किसी भी सूरत में पनपने नहीं दिया जाएगा। नशे के खिलाफ पुलिस के इस अभियान से न सिर्फ तस्करों में खौफ है, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि राज्य की नई पीढ़ी को इस अंधकार से बचाया जाए।
यह कार्रवाई न केवल पुलिस की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है, बल्कि यह भी दिखाती है कि राज्य में नशे के खिलाफ संघर्ष तेज हो चुका है। अब यह देखना होगा कि क्या इन कदमों से उत्तराखंड के युवाओं को नशे के जाल से बचाया जा सकेगा और क्या नशे के सौदागर इन सख्त कदमों के बाद डरेंगे।