सड़क हादसों को लेकर मुख्यमंत्री धाकड़ धामी के निर्देश रामनगर एआरटीओ साहब के ठेंगे पर
सलीम अहमद साहिल
जिस तरीके से सड़कों पर यातायात नियमों को वाहन अपने टायरों के नीचे कुचल कर गुजर रहे हैं। मानो कार्यवाही करने वाले अधिकारी और इनका कोई मजबूत रिश्ता हो जो बेखोफ होकर सड़कों पर मौत का तांडव कर रहे हैं।
छोटे हाथी में अब सवारियों को भेड़ बकरियों की तरह भरकर रामनगर की सड़को पर दौड़ाया जा रहा हैं। महज आरटीओ कार्यालय से चंद कदमों की दूरी पर छोटा हाथी मौत को अपनी आगोश में लिए सवारियों से भरकर गुजर रहे है लेकिन उस पर परिवहन विभाग के अधिकारियों की कार्रवाई की कलम चलने से इनकार कर रही है या ये कहिये की एआरटीओ साहब इन वाहन स्वामियों पर इतना मेहरवान है कि मौत का दूत बन कर चल रहे वाहन एआरटीओ साहब की मेहरवानियो पर ही संचालित हो रहे है ओर अगर ऐसा नही है।
तो फिर कार्यवाही के नाम पर साहब की कलम क्यो काप रही है। ओर छोटा हाथी ही नही वल्कि स्कूल के वाहनों में बच्चों को ठूस कर लेकर जाया जाता है। नोनिहलो की ज़िदगी एआरटीओ साहब की नजरों में इतनी सस्ती क्यो है। कार्यवाही के नाम पर परिवहन विभाग द्वारा सिर्फ खानापूर्ति कर दी जाती है। स्कूलों में बच्चों को सुरक्षित लाने ले जाने के लिए वाहन लगे हुए हैं और वो ही वाहन बड़े हादसों को दवात दे रहे हैं। ऐसे स्कूलों पर कोई ठोस कार्रवाई करने की जहमत जिम्मेदार अधिकारी नही उठा रहे हैं। जिनके निर्देशों पर बच्चों को स्कूल वाहनो पर लाया जाता है। जब वही है मौन तो कार्यवाही करेगा कौन ?
रामनगर की ये तस्वीरे आपको विचलित कर सकती है। ये तस्वीरे इस बात की भी गवाही दे रही है कि रामनगर के एआरटीओ साहब रोडो पर मौत की गाथा लिखने वाले वाहनों पर कोई कड़ी कार्यवाही नही कर रहे हैं और किसी उच्च अधिकारियों के बसकी बात रामनगर के एआरटीओ साहब पर कार्यवाही करना नही है।
रामनगर में जिस तरह यमराज का दूत बनकर वाहन घूम रहे हैं उससे लगता है कि कोई दिन जा रहा है। जब परिवहन विभाग की लापरवाही से रामनगर में कोई बड़ा हादसा होगा जिससे पूरा उत्तराखंड हिल सकता है या मर्चुला जैसी त्रासधी देखने को मिल सकती है।
रामनगर के एआरटीओ का या रवैया देखकर तो लगता है मानो धाकड़ धामी कितने भी कड़े निर्देश क्यों ना देते हो धामी के कड़े निर्देश रामनगर एआरटीओ साहब के ठेंगे पर रखते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पूरे उत्तराखंड में हो रहे सड़क हादसों से बहुत ही दुःखद नजर आ रहे हैं। इन हादसों को रोकने के लिए समस्त जिम्मेदार विभागों को भी कड़े निर्देश दे रहे हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी धामी के कड़े निर्देशो को मानने को तैयार नही है। उसमे से एक अधिकारी रामनगर के एआरटीओ साहब भी है। एक तरफ जहां उत्तराखंड में लगातार हो रहे सड़क हादसों को लेकर विपक्ष धामी सरकार को घेरने में लगा है तो दूसरी ओर धामी के जिम्मेदार अधिकारी विपक्ष को धामी सरकार को घेरने के मौके लगातार देते नजर आ रहे हैं धाकड़ धामी ऐसे लापरवाह अधिकारियों पर कब कड़ी कार्यवाही करते हैं। इस बात का इन्तेजार अब रामनगर की जनता भी बेसबरी से कर रही है।