उत्तराखंड में कच्ची शराब का कहर  जिम्मेदारी पर सवाल

Advertisements

उत्तराखंड में कच्ची शराब का कहर  जिम्मेदारी पर सवाल

उत्तराखंड। अज़हर मलिक 

प्रदेश में कच्ची शराब का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। अवैध शराब के कारण उत्तराखंड में कई बार दर्दनाक हादसे हो चुके हैं, जिनमें सैकड़ों लोगों की जान गई। बावजूद इसके, आबकारी विभाग की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। विभाग को अवैध शराब पर नियंत्रण और कार्रवाई की अहम जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अक्सर केवल औपचारिकता ही देखने को मिलती है।

Advertisements

 

कच्ची शराब से मौतों का ग्राफ

उत्तराखंड में कच्ची शराब से होने वाली मौतों का इतिहास भयावह है।

 

सितंबर 2019: रुड़की में जहरीली शराब पीने से 36 लोगों की मौत हुई।

 

मार्च 2021: हरिद्वार में 14 लोगों ने जहरीली शराब पीकर दम तोड़ दिया।

अप्रैल 2022: नैनीताल जिले में अवैध शराब के कारण 9 लोगों की मौत हुई।

 

 

इन घटनाओं के बावजूद अवैध शराब का कारोबार थमा नहीं है।

 

रामनगर के मलधन चौड़ इलाके में पुलिस ने 400 लीटर अवैध कच्ची शराब और शराब बनाने के उपकरणों के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार आरोपी: गुरप्यार सिंह, निवासी कुआखेड़ा, थाना बढ़पुरा, जनपद बिजनौर, उत्तर प्रदेश।

मौके पर लगभग 6900 लीटर लहन को नष्ट किया गया।

 

बरामद सामग्री

4 लोहे के ड्रम

04 एल्युमिनियम के पाइप

04 रबड़ के पाइप

04 मिट्टी की हांडी

06 प्लास्टिक के डब्बे

05 ट्यूब में 400 लीटर कच्ची शराब

 

 

मुखानी में भी कार्रवाई

मुखानी पुलिस ने गैस गोदाम के पास से भास्कर मौर्य, निवासी रतनपुरम कॉलोनी, को 161 पव्वे देशी मसालेदार शराब (गुलाब मार्का) के साथ गिरफ्तार किया।

 

पुलिस की सक्रियता, आबकारी विभाग की चुप्पी

यह साफ नजर आता है कि अवैध शराब पर अंकुश लगाने में पुलिस अधिक सक्रिय है, जबकि आबकारी विभाग केवल दिखावे की कार्रवाई कर रहा है। विभाग की जिम्मेदारी है कि अवैध शराब निर्माण, ओवररेट बिक्री और अन्य गतिविधियों पर नियंत्रण सुनिश्चित करे, लेकिन विभाग का ढुलमुल रवैया प्रदेश में बार-बार हादसों को आमंत्रित कर रहा है।

 

सरकार और प्रशासन को इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

 

Advertisements
THE GREAT NEWS

THE GREAT NEWS

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *