घनसाली में 220 केवी सब स्टेशन का होगा निर्माण, लोगों के घर हो सकेंगे रौशनीदार

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घनसाली में 220 केवी सब स्टेशन का होगा निर्माण, लोगों के घर हो सकेंगे रौशनीदार

प्रताप नगर विधायक विक्रम सिंह नेगी ने पावर ट्रांसमिशन कार्पोरेशन ऑफ उत्तराखंड के प्रबंध निदेशक पी सी ध्यानी से उनके कार्यालय में मुलाकात की। विधायक नेगी ने कहा कि घनसाली क्षेत्र में बड़ी संख्या में हाइड्रो प्रोजेक्ट और अति संवेदनशील अति दुर्गम क्षेत्र को देखते हुए वर्ष 2013 में 220 केवी घनसाली सब स्टेशन की स्थापना का निर्णय लिया गया था। लेकिन अभी तक 220 केवी के इस उप संस्थान की स्थापना नहीं हो पाई है। इससे हाईड्रो पॉवर प्रोजेक्ट, सोलर पॉवर प्रोजैक्ट और स्थानीय लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है जबकि सरकार को भी करोड़ों के राजस्व की हानि हो रही है। वर्तमान में घनसाली में 33 केवी का बिजली सब स्टेशन है। इस लाइन पर स्वास्ति हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट और गुनसोला हाईड्रो पॉवर प्रोजेक्ट की 30 मेगावाट हाईड्रो पॉवर के साथ ही कई मेगावाट सोलर पॉवर प्रोजेक्ट भी जुडे हुए है। 33 केवी की लाइन इनता लोड झेल नहीं पा रही है और इस वजह से दिन में कई बार बाधित हो रही है। घनसाली बिजली घर के लिए चम्बा से 70 किमी लम्बी लाइन है जो घने जंगल और आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील स्थानों से होकर गुजरती है। इस वजह से भी यह लाइन बार बार बाधित हो रही है। लाइन बंद होने से न केवल लाखों रूपए की हाइड्रो, सोलर एनर्जी बर्बाद हो रही है। बल्कि इससे जाखणीधार, रजाखेत और घनसाली सब स्टेशन से जुड़ी तीन लाख से अधिक की आबादी भी अंधेरे में रहने को मजबूर है। अत घनसाली में 220 केवी सब स्टेशन के निर्माण का कार्य तत्काल शुरू किया जा सकें। साथ ही उन्होंने अवगत कराया कि 33 केवी बिजली घर पर केदारनाथ धाम की वैकल्पिक बिजली व्यवस्था का भी बोझ है। 220 केवी श्रीनगर के डिर्स्टब होने की वजह से घनसाली से ही केदारनाथ की बिजली सप्लाई होती है। ऐसे में घनसाली में 220 केवी सब स्टेशन का निर्माण आवश्यक है। घनसाली क्षेत्र में बड़े स्तर पर हाईड्रो पॉवर प्रोजेक्ट की संभावनाएं है। 220 केवी सब स्टेशन की स्थापना के बाद इसमें इजाफा होने की उम्मीद है। घनसाली क्षेत्र टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। टिहरी झील से लगे होने के साथ ही यह गंगोत्री से केदानाथ यात्रा का रूट भी है। लेकिन बिजली की उपलब्धता न होने की वजह से वहां होटल और टूरिज्म के क्षेत्र में निवेश नहीं बढ़ पा रहा है। 33 केवी लाइन के कमजोर होने की वजह से हाइड्रो और सोलर एनर्जी का ट्राशमिशन ठीक से नहीं हो पा रहा है जिससे सरकार को हर साल करोड़ों का आर्थिक नुकसान हो रहा है।

घनसाली के करीब से ही चम्बा. घुत्तू 220 केवी प्राइवेट लाइन गुजरती है। ऐसे में नए बिजली घर के लिए नई लाइन बनाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी और सब स्टेशन के निर्माण से ही कई मकसद हल हो जाएंगे। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव महेश जोशी ने पी सी ध्यानी को प्रबंध निदेशक बनने की बधाई दी और इसे उत्तराखंड का सौभाग्य है कि आप जैसे व्यक्ति को ये जिम्मेवारी मिली जिससे हमें गर्व की अनुभूति हो रही है ।

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