कार्यशाला का आयोजन कर किसानों को दी गईं महत्त्वपूर्ण जानकारियां।
यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : गुरुवार को ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम मलपुरा लक्ष्मीपुर, स्तिथ कृषि विज्ञान केंद्र पर एक दिवसीय गन्ने के संबंध में कृषि प्रसार अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए एक दिवसीय विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के साथ काशीपुर गन्ना अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ संजय सिंह, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ सिद्धार्थ कश्यप, उप कृषि निदेशक-मुरादाबाद, भूमि संरक्षण अधिकारी- मुरादाबाद, आदि अधिकारियों ने कार्यक्रम में शिरकत की। केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ रवींद्र कुमार ने कार्यशाला का शुभारंभ किया व कार्यशाला में बाहर से आये वैज्ञानिकों, अधिकारियों का स्वागत व अभिनंदन किया तथा गन्ने में उर्वरक प्रबन्धन पर विस्तार से चर्चा की। गन्ना उत्तर प्रदेश राज्य की एक प्रमुख नकदी फसल है इसका उत्पादन बहुत लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है किंतु इसमे लगने वाली कुछ रोग/बीमारियों जैसे लाल सड़न रोग, रतुआ रोग, मृदा जनित रोग व सही जानकारी जैसे बीज, उर्वरक आदि कई घटक हैं जो इसके उत्पादन को प्रभावित करते हैं। क्षेत्र के किसानों की इन्ही सब समस्याओं एवं सही जानकारी को दृष्टिगत रखते हुए गन्ना अनुसंधान केंद्र, काशीपुर के वैज्ञानिक डॉ संजय सिंह ने गन्ने में होने वाली सस्य क्रियाओं, गन्ने के उपोत्पाद, गन्ने में गहरी जुताई, बीज बोने के तरीके, बीज के साइज, पर्णीय छिड़काव आदि बहुत से पहलुओं पर जानकारी दी। डॉक्टर प्रमोद कुमार ने गन्ने की उन्नत प्रजातियों के बारे में बताया, गन्ना अनुसंधान केंद्र, काशीपुर के ही वैज्ञानिक डॉक्टर सिद्धार्थ कश्यप ने गन्ने में लगने वाली बीमारियों जैसे लाल सड़न रोग, उकठा रोग, पोका बोइंग, कंडुआ रोग, टॉप बोरर की समस्या आदि विभिन्न बीमारिओं एवं उनकी रोकथाम के बारे में बताया। उप कृषि निदेशक, मुरादाबाद ने किसानों को गन्ने में सह फसली खेती, प्राकृतिक खेती, खरपतवार नाशियों को न्यून इस्तमाल करने आदि जैसी विभिन्न बातों को बताया। भूमि संरक्षण अधिकारी ने सरकारी योजना जैसे “खेत-तालाब योजना/लघु तालाब योजना” के बारे में जानकारी देने के साथ गन्ने की समस्याओं के बारे में बात की।
कार्यक्रम का संचालन केंद्र के पादप सुरक्षा के वैज्ञानिक दीपक कुमार ने किया। कार्यशाला में एस एम एस प्रवीण कुमार, सहायक विकास अधिकारी मोहित कुमार, नौ बहार सिंह, नीरज शर्मा आदि लगभग 75 विभागीय कर्मचारी ने प्रतिभाग किया। कृषि विज्ञान केंद्र के कर्मचारी पुष्पराज यादव, रणवीर सिंह, संदीप कुमार, दिनेश ने सहयोग किया।