काशीपुर में झोलाछाप डॉक्टरों का आतंक स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी बनी जानलेवा खतरा

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काशीपुर में झोलाछाप डॉक्टरों का आतंक स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी बनी जानलेवा खतरा
अज़हर मलिक 
Kashipur News : काशीपुर में झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। बिना किसी मेडिकल डिग्री, बिना रजिस्ट्रेशन और बिना किसी प्रमाण के इलाज के नाम पर ये लोग आम लोगों की जिंदगी से खुला खिलवाड़ कर रहे हैं। छोटे-छोटे मोहल्लों से लेकर मुख्य सड़कों तक दर्जनों झोलाछाप डॉक्टर खुलेआम क्लीनिक चला रहे हैं, ड्रिप चढ़ा रहे हैं, इंजेक्शन लगा रहे हैं और गंभीर बीमारियों का इलाज भी कर रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग को इस गंभीर स्थिति की पूरी जानकारी है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई जा रही है। कभी-कभी मीडिया या शिकायत के दबाव में कुछ क्लीनिकों पर छापेमारी होती है, कुछ दुकानों पर ताले लगा दिए जाते हैं, लेकिन हफ्ते-दस दिन में सब कुछ फिर पहले जैसा हो जाता है। झोलाछाप डॉक्टर फिर से अपने क्लीनिक खोल लेते हैं, और विभाग फिर चुप्पी साध लेता है।
इस लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। कई मामलों में इन फर्जी डॉक्टरों के इलाज से मरीजों की हालत और ज्यादा खराब हो गई है। किसी का हाथ खराब हो गया, किसी के पैर ने काम करना बंद कर दिया, तो किसी की जान तक चली गई। लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों की आंखें नहीं खुलीं।
सवाल ये है कि आखिर इन झोलाछाप डॉक्टरों को किसका संरक्षण प्राप्त है? क्यों इन्हें खुलेआम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने की छूट मिली हुई है? क्या स्वास्थ्य विभाग की नजर में आम आदमी की जान की कोई कीमत नहीं रह गई? और अगर किसी की जान जाती है, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
इलाज के नाम पर चल रहे इस गोरखधंधे ने पूरे तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब वक्त आ गया है कि इस पूरे सिस्टम की जांच हो और ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। क्योंकि अगर अब भी सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो हालात और बिगड़ेंगे, और इसका नुकसान सिर्फ और सिर्फ जनता को उठाना पड़ेगा। ये चुप्पी अब घातक होती जा रही है — और अगर प्रशासन फिर भी नहीं जागा, तो इसका मतलब साफ है कि इंसानी जिंदगी अब किसी की प्राथमिकता में नहीं रही।
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