Chenab Bridge Inauguration by PM Modi Today
कश्मीर की वादियों में बिछा ‘विकास का पुल’, जो इतिहास रचने वाला है… लेकिन ये सिर्फ पुल नहीं — ये एक प्रतीक है नए भारत के बदलते नक्शे का। सवाल ये है कि क्या अब कश्मीर की कहानी बदलने जा रही है? जवाब छिपा है इस खबर में…
शुक्रवार, 7 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जम्मू-कश्मीर दौरा सिर्फ एक औपचारिक यात्रा नहीं, बल्कि नए युग की शुरुआत का संकेत है। इस दौरे में प्रधानमंत्री मोदी 46,000 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात लेकर पहुंचे — लेकिन जो सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रहा है, वह है दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब ब्रिज, जिसे आज राष्ट्र को समर्पित किया गया। इसके अलावा दो अत्याधुनिक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी आज हरी झंडी दिखाई गई, जो अब कटरा से श्रीनगर तक हर मौसम में सफर को आसान बनाएंगी।
जम्मू-कश्मीर के रियासी ज़िले में स्थित चिनाब नदी पर बना यह ब्रिज भारतीय इंजीनियरिंग का एक अद्वितीय नमूना है। इसकी ऊंचाई 359 मीटर है — यानी एफिल टॉवर से भी ऊंचा। यह स्टील और कंक्रीट से बना आर्क ब्रिज कश्मीर को भारतीय रेल नेटवर्क से स्थायी रूप से जोड़ता है। यह पुल न सिर्फ तकनीकी दृष्टि से एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी बेहद अहम है। यह पुल अब उस सपने की हकीकत है, जो दशकों से भारत देखता आया है — कश्मीर को शेष भारत से रेल द्वारा जोड़ने का सपना।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिनाब ब्रिज के उद्घाटन के साथ-साथ कटरा से श्रीनगर के बीच चलने वाली दो नई वंदे भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई। यह भारत के सबसे आधुनिक ट्रेनों में से एक हैं, जो पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से बनी हैं। इन ट्रेनों के शुरू होने से अब कश्मीर के लोग भी हाई-स्पीड, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव कर सकेंगे। सबसे बड़ी बात — ये ट्रेनें हर मौसम में चलेंगी, यानी बर्फबारी, बारिश या तूफान — अब सफर नहीं रुकेगा। यह उन लाखों यात्रियों के लिए राहत की खबर है जो अक्सर खराब मौसम की वजह से सड़क या हवाई यात्रा में मुश्किलें झेलते थे।
इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर को केवल रेल कनेक्टिविटी ही नहीं, बल्कि सड़क, जल, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी परियोजनाएं भी समर्पित कीं। इनमें कई स्मार्ट सिटी योजनाएं, मेडिकल कॉलेज, पावर प्रोजेक्ट और डिजिटल कनेक्टिविटी से जुड़ी घोषणाएं शामिल हैं।
यह दौरा राजनीतिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण है। 370 हटने के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को जनता के सामने लाया गया है। यह संदेश साफ है — अब कश्मीर सिर्फ सीमावर्ती राज्य नहीं, बल्कि ‘विकास का केंद्र’ बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
चिनाब ब्रिज और वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत सिर्फ एक तकनीकी क्रांति नहीं, बल्कि भावनात्मक, रणनीतिक और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। यह वो शुरुआत है, जहां कश्मीर विकास की पटरी पर दौड़ने को तैयार है।