ट्विटर अब जंग का मैदान: मुद्दे गायब, और नेता-सेलिब्रिटी एक-दूसरे को ‘टैग’ कर रहे हैं!
2025 में ट्विटर (अब X) की हालत एक राजनीतिक अखाड़े जैसी हो गई है। जहां कभी लोग देश-दुनिया की खबरों, सामाजिक बदलावों और रियल-टाइम अपडेट्स के लिए इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते थे, वहीं अब यहां सिर्फ एक-दूसरे को नीचा दिखाने वाली ट्वीट वॉर चल रही है।
नेता बनाम नेता
राजनीतिक दलों के नेता अब ट्विटर पर योजनाओं की जानकारी देने के बजाय एक-दूसरे पर व्यक्तिगत हमले, मीम्स, और तंज कसने वाले ट्वीट कर रहे हैं।
विपक्षी नेता सत्ता पक्ष को ‘कागज़ी शेर’ कहकर ट्रोल कर रहे हैं
तो वहीं सत्ताधारी नेता पुराने स्कैम की क्लिप्स शेयर कर ‘याद दिला रहे हैं अतीत’
सेलिब्रिटी भी पीछे नहीं
बॉलीवुड, क्रिकेट और यूट्यूब की दुनिया से भी नामी चेहरे अब अपने फॉलोअर्स बढ़ाने के चक्कर में राजनीतिक मसलों पर ट्वीट करते हैं — लेकिन न समाधान की बात होती है, न ज़मीनी सच्चाई की।
कई बार तो एक ही मुद्दे पर ट्वीट कर-करके लोग RTs के सहारे ट्रेंडिंग में आना चाहते हैं। मुद्दा चाहे किसान हो या महिला सुरक्षा – बात वही घूम फिर कर आती है: “तुमने क्या किया था?”
जनता पूछ रही है – असली मुद्दे कहां हैं?
– बेरोज़गारी,
– महिला सुरक्षा,
– महंगाई,
– भ्रष्टाचार,
– और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दे, ट्विटर पर हाशिए पर चले गए हैं।
इनकी जगह अब ट्रेंड कर रहे हैं हैशटैग्स:
#बोल_भाई_बोल,
#RTसे_राजनीति,
#ट्विटर_के_शेर।
ट्विटर अब सामाजिक सरोकार का मंच नहीं, बल्कि डिजिटल चौराहा बन गया है, जहां हर कोई बस चिल्ला रहा है – लेकिन कोई सुन नहीं रहा।
अब समय आ गया है कि हम ट्वीट से ज़्यादा ज़मीन पर ध्यान दें, और वर्चुअल लड़ाइयों से ऊपर उठकर असल सवाल पूछें।