Jumme Ki Namaz Padhne Ka Tarika: जुमा की नमाज़ का सही तरीका, नियत से लेकर दुआ तक हर बात जानिए
इस्लाम में जुमा (शुक्रवार) का दिन बेहद अहम माना गया है। यह दिन हफ्ते का सबसे पाक दिन होता है, जिसमें मस्जिदों में विशेष खुतबा (Friday Sermon) दिया जाता है और लाखों मुसलमान एक साथ जुमा की नमाज़ अदा करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं जुमा की नमाज़ पढ़ने का सही तरीका क्या है?
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जुमा की नमाज़ पढ़ने का सही तरीका (Step-by-Step Guide):
✅ 1. नीयत (Niyyat):
“मैं दो रकात नमाज़ फर्ज जुमा की मस्जिद में, अल्लाह के लिए, इमाम के पीछे पढ़ता हूँ।”
✅ 2. दो रकात फर्ज से पहले की सुन्नत नमाज़ें:
जुमा की नमाज़ से पहले आप 4 रकात सुन्नत (ग़ैर-मुअक्कदा) और फिर 2 रकात सुन्नत मुअक्कदा अदा करते हैं।
✅ 3. खुतबा सुनना फर्ज है:
इमाम जब मिम्बर पर आकर खुतबा शुरू करे, उस समय बात करना, चलना-फिरना या किसी से इशारा भी करना मना है। पूरा खुतबा खामोशी से सुनना ज़रूरी है।
✅ 4. फर्ज नमाज़ (2 रकात):
खुतबे के बाद इमाम के पीछे जमात के साथ दो रकात फर्ज नमाज़ अदा की जाती है।
✅ 5. नमाज़ के बाद की सुन्नत नमाज़ें:
फर्ज के बाद 4 रकात सुन्नत मुअक्कदा और फिर 2 रकात सुन्नत ग़ैर मुअक्कदा अदा की जाती है।
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जुमा की नमाज़ की अहमियत क्या है?
हदीस में आता है कि जुमा की नमाज़ का दर्जा इतना बड़ा है कि जो शख्स बिना वजह लगातार तीन जुमा की नमाज़ें छोड़ देता है, उसके दिल पर मुहर लग जाती है (यानि उसकी रूहानियत खत्म होने लगती है)।
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खास बातें जो ध्यान रखें:
वुज़ू पाक होना चाहिए
साफ कपड़े पहनें, इत्र लगाएं
जल्दी मस्जिद पहुंचें
खुतबे के दौरान बिल्कुल चुप रहें
नमाज़ के बाद दुआ करें
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निष्कर्ष:
जुमा की नमाज़ न सिर्फ साप्ताहिक इबादत है, बल्कि यह इंसान के गुनाहों को माफ करवाने, रूह को पाक करने और मुस्लिम भाईचारे को मजबूत करने का ज़रिया भी है। अगर आप सही तरीके से जुमा की नमाज़ अदा करें तो यह आपके लिए सवाब और बरकतों का दरवाज़ा खोल देती है।