गदरपुर विधायक अरविन्द पांडे ने उठाया विपक्षी नेता के परिवार की मदद का बीड़ा, भू-माफियाओं के खिलाफ कराई FIR
सलीम अहमद साहिल
राजनीति जब इंसानियत के सामने झुक जाए, तो वही तस्वीर समाज में उम्मीद की किरण बन जाती है। गदरपुर विधानसभा से भाजपा विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडे ने यही मिसाल पेश की है। उन्होंने राजनीति से परे जाकर विपक्ष के नेता अरविन्द आर्य के परिवार को न्याय दिलाने में सक्रिय भूमिका निभाई।
पीड़ित परिवार की कहानी बेहद पीड़ादायक है। गुमचाईया ग्राम के आर्यनगर में रहने वाले स्वतंत्रता सेनानी परिवार के दो भाई — अरविन्द आर्य और अवनिंद्र आर्य — ने अपनी पुश्तैनी जमीन बेचकर बरेली के मीरगंज थाना क्षेत्र में करीब 17 एकड़ जमीन खरीदी। बाद में पता चला कि जिनसे जमीन खरीदी गई थी, वे भू-माफिया निकले। फर्जी रजिस्ट्री के ज़रिए करीब 2 करोड़ रुपये ले लिए गए, और फिर दाखिल-खारिज कराने के नाम पर 10 लाख की अतिरिक्त मांग की गई।
जब पीड़ित पक्ष ने कागज़ात जांचे, तो मालूम हुआ कि जिन खसरा नंबरों पर रजिस्ट्री हुई है, वो नक्शे में मौजूद ही नहीं हैं। न कब्जा मिला, न ही जमीन की दाखिल-खारिज। ठगी के शिकार परिवार ने SSP बरेली से शिकायत की, मगर कार्रवाई न होने से निराश होकर वे सामूहिक आत्महत्या तक का मन बना चुके थे।
ऐसे में विधायक अरविन्द पांडे ने न सिर्फ परिवार की बात सुनी, बल्कि इसे अपनी निगरानी में लेकर खुद बरेली SSP से संपर्क किया और तत्काल FIR दर्ज कराई। SSP ने संज्ञान लेते हुए विक्रेताओं को थाने बुलाया और मामले में जांच तेज़ कर दी। इस मदद से पीड़ित परिवार को नई उम्मीद मिली।
इस साहसिक कदम के लिए विपक्षी नेता अनिल शर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल विधायक अरविन्द पांडे के कैंप कार्यालय पहुंचा और उनके प्रति आभार जताया।
अनिल शर्मा ने कहा – “विधायक जी ने जो किया, वह सराहनीय है। उन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर पीड़ित परिवार की मदद की। हम दिल से उनका आभार प्रकट करते हैं।”
वहीं अरविन्द आर्य ने भावुक होकर कहा – “हमने जब सब दरवाजे बंद पाए तो विधायक जी ही वो उम्मीद बने जिन्होंने हमें टूटने से बचा लिया।”
विधायक अरविन्द पांडे ने स्पष्ट कहा – “मैं सिर्फ सत्तापक्ष का नहीं, हर पीड़ित का विधायक हूं। यह मेरा धर्म है कि संकट में फंसे हर नागरिक को न्याय दिलाऊं, चाहे वह किसी भी दल से जुड़ा क्यों न हो।”
विधायक कार्यालय में ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जहां अरविन्द पांडे बिना भेदभाव के मदद करते हैं। इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया है कि जब राजनीति इंसानियत के साथ खड़ी हो, तो समाज में भरोसाbऔर भी गहराता है।