गोरखपुर बना भारत की आयुष राजधानी – मुख्यमंत्री ने किया योग विश्वविद्यालय का उद्घाटन

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गोरखपुर बना भारत की आयुष राजधानी – मुख्यमंत्री ने किया योग विश्वविद्यालय का उद्घाटन

 

गोरखपुर (1 जुलाई 2025): उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज गोरखपुर में “महायोगी गुरु गोरक्षनाथ आयुष विश्वविद्यालय” का भव्य उद्घाटन किया। यह भारत का एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय होगा जहां योग, आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी और सिद्ध चिकित्सा के उच्च शिक्षा, शोध और क्लीनिकल अभ्यास एक साथ संचालित किए जाएंगे।

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🎓 कैसा है यह विश्वविद्यालय?

 

कुल 110 एकड़ क्षेत्र में फैला है आयुष विश्वविद्यालय

 

यहां पर 2500 से अधिक छात्रों की क्षमता, आधुनिक लैब और लाइब्रेरी

 

योग, पंचकर्म, हर्बल साइंस और नेचुरोपैथी में विशेष पाठ्यक्रम

 

भारत में पहली बार आयुष आधारित अंतरराष्ट्रीय रिसर्च सेंटर स्थापित

 

 

 

 

🧘‍♂️ योगी आदित्यनाथ का उद्घाटन भाषण

 

> “गोरखपुर केवल पूर्वांचल का नहीं, अब पूरे भारत का आयुष केंद्र बन चुका है। यह विश्वविद्यालय भारतीय ज्ञान परंपरा को वैश्विक मंच पर ले जाएगा।”

 

 

 

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आयुष शिक्षा से जुड़ी बेरोजगारी को समाप्त करने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम है।

 

 

 

📚 क्या-क्या मिलेगा पढ़ने को?

 

कोर्स विवरण

 

BAMS आयुर्वेदिक मेडिकल साइंस

MD (Ayurveda) स्पेशलाइजेशन और रिसर्च

BNYS नेचुरोपैथी और योग साइंस

D.Pharm (Ayush) फार्मेसी इन आयुष स्ट्रीम

रिसर्च स्कॉलर प्रोग्राम प्लांट मेडिसिन और हर्बल टेक्नोलॉजी

 

 

 

 

🌐 अंतरराष्ट्रीय सहयोग

 

जापान, श्रीलंका और नेपाल की आयुष संस्थाओं के साथ MOU साइन

 

विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए डिजिटल योग पाठ्यक्रम और ऑनलाइन दाखिला प्रणाली शुरू

 

W.H.O. और आयुष मंत्रालय के मानकों पर आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर

 

 

 

 

👨‍⚕️ रोजगार की दिशा में बड़ी पहल

 

आयुष स्नातकों को सरकारी और निजी क्षेत्र में विशेष नियुक्तियाँ मिलेंगी

 

हर जिले में आयुष हेल्थ सेंटर खोले जाने की योजना

 

ग्रामीण भारत में आयुर्वेदिक चिकित्सकों की भारी मांग पूरी की जाएगी

 

 

 

 

🤝 किसने क्या कहा?

 

केंद्रीय आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल:

“यह विश्वविद्यालय भारत को आयुर्वेद का वैश्विक ब्रांड बनाने की दिशा में मील का पत्थर है।”

 

विदेशी प्रतिनिधियों ने भी कहा:

“भारत की पारंपरिक चिकित्सा को वैश्विक मंच मिलना समय की मांग है।”

 

 

 

 

गोरखपुर का यह नया आयुष विश्वविद्यालय भारत की वैदिक चिकित्सा परंपरा को नई पहचान देगा। यह न केवल शिक्षा का केंद्र होगा, बल्कि स्वास्थ्य और विज्ञान का नया अध्याय भी शुरू करेगा।

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