Nehal Modi Arrested in USA: नीरव मोदी के भाई की गिरफ्तारी से भारत को मिली बड़ी कूटनीतिक जीत
वाशिंगटन/नई दिल्ली – पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले में एक बड़ी कूटनीतिक और कानूनी सफलता हासिल करते हुए भारत को उसका एक और भगोड़ा आरोपी मिल गया है। नीरव मोदी के भाई नेहल दीपक मोदी को अमेरिका में 4 जुलाई 2025 को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी भारत की प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की साझा अपील पर अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा की गई है।
कौन हैं नेहल मोदी और क्या है मामला?
नेहल दीपक मोदी, कुख्यात हीरा व्यापारी और PNB घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी के भाई हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें आरोपी संख्या 27 के तौर पर चार्जशीट में नामित किया है। जांच में खुलासा हुआ कि नेहल मोदी ने:
50 किलोग्राम सोने को दुबई से अवैध रूप से भारत लाने की साजिश रची,
शेल कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपये इधर-उधर किए,
सबूतों को नष्ट करने के लिए कर्मचारियों को निर्देश दिए,
और जांच को गुमराह करने की हर संभव कोशिश की।
गिरफ्तारी कैसे हुई?
भारत सरकार की अपील पर अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने नेहल मोदी को गिरफ्तार किया। यह मामला भारतीय एजेंसियों द्वारा दी गई सबूतों और प्रत्यर्पण संधि के तहत आगे बढ़ा।
अगली सुनवाई 17 जुलाई 2025 को होगी जिसमें नेहल मोदी जमानत की याचिका दायर कर सकते हैं, लेकिन अमेरिकी अभियोजन पक्ष इसका कड़ा विरोध करेगा।
PNB घोटाला क्या है?
यह भारत का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला माना जाता है, जिसकी रकम ₹13,500 करोड़ से ज्यादा आंकी गई है। इसमें नीरव मोदी ने लगभग ₹6,500 करोड़ और उनके मामा मेहुल चोक्सी ने ₹7,000 करोड़ से ज्यादा का लोन फर्जी गारंटियों और LoUs के जरिए बैंकों से प्राप्त किया।
भारत के लिए क्यों अहम है यह गिरफ्तारी?
इससे भारत की कूटनीतिक क्षमता और कानूनी साक्ष्य पेश करने की ताकत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है।
अमेरिका जैसी बड़ी ताकत द्वारा गिरफ्तारी दर्शाती है कि भारत अब आर्थिक अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं रहा।
इससे बाकी आरोपियों पर भी दबाव बढ़ेगा, खासकर मेहुल चोक्सी जैसे भगोड़ों पर।
क्या अब नेहल मोदी भारत लाया जाएगा?
प्रत्यर्पण की प्रक्रिया लंबी हो सकती है, लेकिन यह गिरफ्तारी एक बड़ा कदम है। यदि अमेरिकी अदालत भारत के पक्ष में फैसला देती है, तो नेहल मोदी को जल्द ही भारत लाया जा सकता है, जहां उन पर PMLA और IPC की धाराओं के तहत मुकदमा चलेगा।
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यह गिरफ्तारी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि भारत की न्याय प्रणाली और ईमानदार जांच एजेंसियों की जीत है।