पूर्व सीएम ने फिर साधा निशाना कहा कौन कौन आते थे वीआईपी निकालो जानकारी
पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने अंकिता हत्याकांड में रिसार्ट ध्वस्त करने के निर्णय पर सवाल दागे हैं। उन्होंने कहा कि इस अपराध के स्थल रिसार्ट को नहीं, बल्कि थाईलैंड से ली गई रिसार्ट संस्कृति को ध्वस्त करने की आवश्यकता है।इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि जघन्य अपराधों से जुड़े रिसार्ट को ध्वस्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह अंधाधुंध खोले जा रहे रिसार्ट से क्षुब्ध हैं। ऋषिकेश के समीप जो हुआ, वह मोहनरी में नहीं होगा या मुख्यमंत्रियों के घर-गांव में नहीं होगा, इसकी गारंटी नहीं है। हमें निवेश और पर्यटन चाहिए, लेकिन अपनी सांस्कृतिक, आध्यात्मिक पहचान और प्राकृतिक कीमत पर नहीं चाहिए।
उन्होंने एक बार केदारनाथ और बदरीनाथ के दिव्य स्थलों के आसपास स्नो आध्यात्मिक टूरिज्म की चर्चा अपने सहृदय तीर्थ पुरोहित से की। उन्होंने सावधान किया कि कहीं यह भावना उत्तराखंड के लिए गलत निर्णय साबित न हो जाए।
उन्होंने कहा कि साक्ष्यों को बचाने के लिए रिसार्ट ध्वस्त नहीं किया जाना चाहिए। यदि साक्ष्य मिट गए तो अंकिता की हत्या करने वाले और उसके अपराधी बच निकल सकते हैं। हरीश रावत ने कहा कि रिसार्ट पर बुलडोजर चलाने का निर्णय किसका था, वह समझ नहीं पाए। जिस व्यक्ति को हत्या के साक्ष्य जुटाने के लिए पुलिस रिमांड पर भेजा जाना चाहिए था, उसे ज्यूडिशियल रिमांड पर क्यों भेजा गया। जब न्यायालय के सामने ये मामला आएगा तो साक्ष्य मायने रखेंगे।उन्होंने भर्ती घोटाले में आरोपित हाकम सिंह के रिसार्ट को ध्वस्त करने के निर्णय पर भी प्रश्न उठाए। उन्होंने कहा कि अपराधियों या आरोपियों के मकान या रिसार्ट ध्वस्त करने से क्या उनकी सजा पूरी हो सकती है। यह देखा जाना चाहिए कि पुलकित अथवा हाकम सिंह के रिसार्ट में जाने वाले वीआइपी कौन-कौन हैं। उनके टेलीफोन काल ब्योरे से मजबूत साक्ष्य मिल सकते हैं।
पूर्व सीएम ने फिर साधा निशाना कहा कौन कौन आते थे वीआईपी निकालो जानकारी
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