अमेरिकी नौसेना की नई रणनीति: ड्रोन हमलों से जंगी जहाजों को कैसे बचाएगी US Navy?

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अमेरिकी नौसेना की नई रणनीति: ड्रोन हमलों से जंगी जहाजों को कैसे बचाएगी US Navy?

 

The Great News | Military Tech Update | July 9, 2025

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रूस और यूक्रेन के युद्ध ने पूरी दुनिया की सेनाओं को एक नई चुनौती से रूबरू कराया है — ड्रोन बोट्स। यूक्रेन द्वारा काला सागर में रूसी नौसेना पर किए गए आत्मघाती ड्रोन हमलों ने यह साबित कर दिया कि छोटे, तेज़, और तकनीकी रूप से स्मार्ट बोट्स भी एक महाशक्ति की फ्लीट को ध्वस्त कर सकते हैं।

 

अब अमेरिका की नौसेना ने इस ख़तरे को गंभीरता से लेते हुए अपनी रणनीति बदल दी है। Task Force 66 नाम की नई सैन्य इकाई बनाई गई है, जिसका मकसद है — जंगी जहाजों को ड्रोन बोट्स से सुरक्षित रखना और डिजिटल युद्ध में बढ़त बनाना।

 

हाल ही में हुए Baltic Operations 2025 अभ्यास में अमेरिकी युद्धपोतों जैसे USS Mount Whitney और USS Paul Ignatius ने ऐसे परिदृश्यों में ट्रेनिंग ली, जिसमें ड्रोन बोट्स द्वारा अचानक हमला किया गया और क्रू को उस खतरे से निपटने की रणनीति सिखाई गई।

 

हालांकि अभी तक यह ट्रेनिंग live fire के बिना ही की जा रही है, लेकिन इसका पूरा ज़ोर situation awareness, स्मार्ट निर्णय क्षमता, और एकीकृत युद्ध नियंत्रण पर है।

 

विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले युद्धों में सिर्फ बम और बंदूकें नहीं, बल्कि AI, ड्रोन, और साइबर हथियार ही निर्णायक भूमिका निभाएंगे। और यही वजह है कि U.S. Navy अब अपने हर युद्धपोत को सिर्फ समुद्री खतरे से नहीं, बल्कि डिजिटल खतरे से भी बचाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

 

Task Force 66 का फोकस केवल ट्रैडिशनल फ्लीट रक्षा नहीं, बल्कि AI-ड्रिवन प्लानिंग, रडार इंटीग्रेशन और सेकंड्स में प्रतिक्रिया देने की क्षमता विकसित करना है।

 

यूक्रेनी युद्ध ने एक सबक दिया है — ताकतवर बनने के लिए अब भारी हथियार नहीं, तेज़ सोच और स्मार्ट टेक्नोलॉजी चाहिए। और अमेरिका इस दिशा में सबसे पहले कूद पड़ा है।

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