गुजरात का दर्दनाक हादसा: गांभीर फ़्र‍िड्ज़ टूटने पर कई वाहन नदी में गिरे, 13 मौतें

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गुजरात का दर्दनाक हादसा: गांभीर फ़्र‍िड्ज़ टूटने पर कई वाहन नदी में गिरे, 13 मौतें

 

9 जुलाई 2025 को सुबह करीब 7:30 बजे, गुजरात के वडोदरा जिले में स्थित करीब 40 वर्ष पुराने गंभीर फ्र‍िड्ज़ (Gambhira Bridge) का एक बड़ा हिस्सा टूट गया। आनंद और वडोदरा को जोड़ने वाला यह पुल महिसागर नदी पर बना हुआ था। भारी बारिश और पुल की जर्जर स्थिति के बीच ट्रक, वैन, कार, ऑटो-रिक्शा सहित कई वाहन नदी में गिर गए।

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🔍 घटना की पूरी स्थिति

 

हादसा मास्टर प्लान की तरह हुआ—स्थानीय मछुआरे नरेंद्र माली ने पुल के क्षतिग्रस्त होने से पहले तेज़ आवाज सुनी और देखा कि एक-एक कर कई वाहन नदी में गिर रहे हैं ।

 

सबसे पहले सुरक्षा कर्मियों ने नीयर Padra–Mujpur मार्ग पर पलटी पुल की स्थिति देखी और तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।

 

घायलों को नज़दीकी अस्पतालों—Padra Referral और SSG Hospital (वडोदरा)—में भर्ती कराया गया।

 

 

📉 जान-माल का नुकसान

 

अबतक 13 मौतों की पुष्टि हो चुकी है और कई घायल लोगों का इलाज जारी है ।

 

वडोदरा SP रोहन आनंद के अनुसार आनंद–वडोदरा मुख्य मार्ग प्रभावित हुआ, रेस्क्यू में NDRF, SDRF, फायर ब्रिगेड और स्थानीय लोग शामिल थे।

 

 

🏛️ अधिकारियों की प्रतिक्रिया और मुआवजा घोषणा

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा:

 

> “वडोदरा जिले में पुल हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की मौत अत्यंत दुखद है। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएँ व् शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूँ।”

उन्होंने हर मृतक के परिवार को PMNRF से ₹2 लाख, और घायल व्यक्ति को ₹50,000 मुआवजे की घोषणा की ।

 

 

 

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा यह हादसा “अत्यंत पीड़ादायक” है। राज्य सरकार मृतकों के परिवारों को ₹4 लाख, घायल को अतिरिक्त ₹50,000, और मुफ्त चिकित्सा सुविधा देने की घोषणा की। साथ ही तुरंत एक तकनीकी जांच शुरू करने हेतु आदेश दिए गए ।

 

 

🔎 क्या था ठीक-ठाक नहीं? – पूर्व चेतावनियाँ

 

स्थानीय लोगों और Gujarat कांग्रेस ने पहले से पुल की खस्ताहाल स्थिति की चेतावनी दी थी और इसे “डिजास्टर-इन-द-वेइंग” बताया था ।

 

पुल से गुजरते समय वाहन हिलते-डुलते महसूस होते थे, लेकिन इसे बंद करने या नए पुल के लिए कदम नहीं उठाए गए। हालाँकि ₹212 करोड़ नए पुल के निर्माण पर पहले ही मंजूरी दी जा चुकी थी, लेकिन वह निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया था ।

 

 

⏳ अधिक जानकारी और पृष्ठभूमि

 

Gambhira Bridge का निर्माण 1985 में हुआ था और वह पश्चिम गुजरात (Central Gujarat से Saurashtra) के बीच एक प्रमुख यातायात मार्ग था ।

 

2022 में हुई Morbi suspension bridge collapse (141 मौतें) की तरह, यह घटना भी प्रशासनिक लापरवाही और संरचनात्मक कमजोरी से जुड़ी चिंता को उजागर करती है ।

 

 

🧯 सम्पूर्ण राहत और जांच प्रक्रिया

 

उपाय विवरण

 

नेशनल राहत फंड PMNRF द्वारा मृतकों को ₹2 लाख, घायल को ₹50,000

राज्य सहायता राज्य सरकार ₹4 लाख मृतकों को, ₹50,000 घायल को

चिकित्सा सहायता घायलों के इलाज की पूरी व्यवस्था राज्य द्वारा

तकनीकी जांच राज्य राजस्व मंत्री ने रिपोर्ट तलब की; R&B विभाग से जवाब माँगा गया

सड़क निर्माण एजेंसियों की जिम्मेदारी पूर्व अद्यतन, मरम्मत एवं परिचालन पर जिम्मेवार अधिकारी पूछताछ में शामिल

 

 

🚧 क्यों यह घातक था?

 

पुल भयानक वर्षा और आयु के कारण कमजोर हो चुका था और यह “डिजास्टर वेटिंग टू हैपन” था।

 

कई लोगों की चेतावनी की अनदेखी से यह हादसा अंजाम तक पहुंच गया।

 

 

🧭 निष्कर्ष

 

9 जुलाई 2025 की सुबह वडोदरा जिले में गांभीर फ्र‍िड्ज़ का एक हिस्सा टूटना सिर्फ एक पुल दुर्घटना नहीं थी बल्कि संरचनात्मक लापरवाही और प्रशासनिक उपेक्षा का परिणाम था। असमय चेतावनियों की अनदेखी ने जान-माल को भारी क्षति पहुँचाई।

 

प्रधानमंत्री और राज्य सरकार द्वारा मुआवजा घोषणाओं से कुछ राहत मिली है, लेकिन दोषियों पर उचित कार्रवाई और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए कठोर निगरानी व जांच आवश्यक है।

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