सवालों के घेरे में वन महकमा, हाकम सिंह ने कैसे किया संरक्षण सरकारी जमीनों पर कब्जा
जहां एक तरफ uksssc पेपर लीक मामले को लेकर पुलिस और प्रशासन लगातार हाकम सिंह के खिलाफ शिकंजा कस रही है तो वहीं हाकम सिंह के एक कारनामे ने पूरे वन महकमे को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। बता दें कि वैसे तो उत्तराखंड वन विभाग की भूमि पर कब्जे को लेकर आए दिन महकमे की तरफ से सख्त कानूनों का हवाला दिया जाता है लेक जब बात रसूखदार लोगों की आती है तो वन विभाग के लिए स्वच्छ नियम हवा हवाई साबित होते हुए दिखाई देते है। यही वजह है कि uksssc पेपर लीक में गिरफ्तार भाजपा के पूर्व नेता हाकम सिंह गोविंद वन्यजीव पशु विहार की जमीन तक पर अतिक्रमण करते हुए रिजॉर्ट तैयार कर लिया और वन विभाग चुपी साधे हुए है। बीते दिनों प्रशासन और वन विभाग की टीम ने उत्तरकाशी में सांकरी गांव पहुंचकर रिजॉर्ट की नाप का काम किया। इस दौरान टीम ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की पुष्टि भी की। इतना ही नहीं जब मामला सामने आया तो वन मंत्री सुबोध उनियाल ने सख्त रुख अपनाते हुए अधिकारियों को वन विभाग की जमीनों पर कब्जे को लेकर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए है लेकिन इन सबके बीच सवाल ये उठता है कि वन विभाग की जमीन पर बिना विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के बिना अतिक्रमण कैसे हुआ।