दरोगा या दरिंदा? Rampur में नाबालिग से वीडियो कॉल और अश्लील मैसेज का खुलासा
“वो वर्दी जिसे देखकर हमें सुरक्षा का एहसास होता है, अगर वही वर्दी नाबालिग बच्चियों पर गंदी नजर डाले, तो भरोसा टूटता नहीं — बिखर जाता है।” उत्तर प्रदेश के रामपुर जनपद के मिलक कोतवाली क्षेत्र से ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसने पुलिस विभाग की मर्यादा को तार-तार कर दिया है। एक दरोगा पर नाबालिग लड़की से रात में अश्लील चैट और वीडियो कॉल करने का आरोप लगा है। लड़की की मां ने इसकी लिखित शिकायत पुलिस अधीक्षक विद्या सागर मिश्र को सौंप दी है, जिसके बाद जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
आरोप के अनुसार, दरोगा ने टीम गठित करने के बहाने पहले लड़की का नंबर लिया और फिर निजी बातचीत शुरू कर दी। जब लड़की किसी बात को लेकर परेशान हुई और आत्महत्या की बात कही, तो दरोगा ने उसे देर रात “नहीं बाबू… तुम्हें नहीं मरने दूंगा” जैसे मैसेज भेजे। बात यहीं नहीं रुकी — आरोप है कि उसने वीडियो कॉल भी की, जिससे नाबालिग मानसिक रूप से असहज हो गई।
जब परिवार वालों को पूरी घटना की जानकारी हुई और वे मिलक कोतवाली पहुंचे, तो आरोप है कि दरोगा ने उन्हें थाने से भगा दिया। इसके बाद एक अन्य सिपाही को भेजकर लड़की के मोबाइल से सारे चैट्स और सबूत डिलीट करवाए गए। यह न सिर्फ एक घिनौनी हरकत थी, बल्कि डिजिटल सबूतों से छेड़छाड़ का गंभीर मामला भी बनता है।
एसपी विद्या सागर मिश्र ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच क्षेत्राधिकारी (CO) को सौंप दी है। उनका कहना है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और यदि दोष सिद्ध होता है तो सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी। वहीं आरोपी दरोगा ने खुद पर लगे आरोपों को सिरे से नकारते हुए इसे एक साजिश बताया है।
यह घटना एक बार फिर सोचने पर मजबूर करती है — क्या हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी जिन हाथों में है, वे हर बार भरोसे के लायक होते हैं? क्या हर खाकीवर्दी के पीछे एक सच्चा रक्षक छिपा होता है, या कुछ ऐसे भी होते हैं जो मासूमियत को भी निशाना बनाने से नहीं चूकते?
रामपुर की यह घटना न सिर्फ शर्मनाक है, बल्कि उस सामाजिक व्यवस्था को भी आईना दिखाती है, जहां कानून की रक्षा के नाम पर कुछ लोग कानून को ही कलंकित कर रहे हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि क्या आरोपी पर कार्रवाई होती है या मामला हमेशा की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।