RPSC घोटाले का पर्दाफाश: क्लर्क भर्ती में ब्लूटूथ से पेपर लीक, महिला कैंडिडेट गिरफ्तार
राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) से जुड़ी एक और बड़ी धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है। 2018 की क्लर्क ग्रेड‑2 भर्ती परीक्षा में ब्लूटूथ के ज़रिए पेपर लीक कर सॉल्व करवाने का मामला सामने आया है। इस मामले में बीकानेर निवासी एक महिला उम्मीदवार सरोज बिश्नोई को SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने आयोग परिसर से गिरफ्तार किया है।
जांच में पता चला कि सरोज ने परीक्षा हॉल में ब्लूटूथ डिवाइस का इस्तेमाल कर बाहर बैठे एक व्यक्ति नरेश दान से पेपर सॉल्व करवाया था। ब्लूटूथ ईयरबड्स के माध्यम से प्रश्न और उत्तरों का आदान-प्रदान किया गया। यह पूरा खेल तकनीक के सहारे काफी सफाई से अंजाम दिया गया था, लेकिन SOG की निगरानी में साजिश बेनकाब हो गई।
इस मामले में FIR नंबर 35/2025 के तहत IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120B (आपराधिक साजिश), 66 IT एक्ट सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। अब जांच एजेंसियां इस ब्लूटूथ रैकेट के बाकी सदस्यों और इसके पीछे की साजिश को खंगाल रही हैं।
यह पहली बार नहीं है जब RPSC की परीक्षाओं में ऐसे गंभीर आरोप लगे हैं। इससे पहले भी कई बार पेपर लीक, दलाली, और सॉल्वर गैंग्स की खबरें सामने आ चुकी हैं।
इस घटना ने एक बार फिर से राजस्थान की सबसे प्रतिष्ठित भर्ती संस्था RPSC की पारदर्शिता और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लाखों बेरोजगार युवाओं की उम्मीदों से जुड़े ऐसे घोटाले अब राज्य सरकार के लिए भी चुनौती बन चुके हैं।
मुख्य बिंदु:
- 2018 की क्लर्क परीक्षा में हुआ ब्लूटूथ से पेपर सॉल्व
- SOG ने महिला उम्मीदवार को गिरफ्तार किया
- पेपर बाहर बैठे व्यक्ति द्वारा सॉल्व कर भेजा गया
- FIR दर्ज, कई गंभीर धाराओं में केस
- RPSC पर फिर उठे सुरक्षा और पारदर्शिता के सवाल
इस मामले की गहन जांच जारी है और उम्मीद की जा रही है कि दोषियों को जल्द सज़ा मिलेगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जा सकें।