धर्मांतरण मामले में सिर्फ एक को जेल,बाकी आरोपी कब पकड़ेंगे? सुस्त पुलिसिया सिस्टम
फैयाज़ साग़री
–धर्मांतरण जैसे गंभीर और संवेदनशील मामले में पुलिस की लचर भूमिका पर उठ रहे सवाल
–चौक कोतवाली क्षेत्र में पकड़े गए धर्मांतरण व लव जेहाद प्रकरण में हिंदूवादी नेता ही आरोपियों के बचाव में उतरे
–आकिल हिस्ट्रीशीटर पर करीब दो दर्जन आपराधिक मुकदमे दर्ज है
शाहजहांपुर। धर्मांतरण जैसे गंभीर और संवेदनशील मामले में आधा दर्जन आरोपितों के नाम सामने आए। उसमें पुलिस महज नावेद पठान को जेल भेजकर कार्यवाही पूर्ण का झंडा फहरा बैठी। बाकी पांच आरोपी जिनमें मुख्य साजिशकर्ता आकिल
भी शामिल है, अब भी खुलेआम घूम रहे हैं। सवाल यह है कि क्या सिर्फ एक गिरफ्तारी से इंसाफ पूरा हो जाता है। आकिल पर पहले से ही कई संगीन मुकदमे दर्ज हैं, आखिल ने अजीजगंज में दिसंबर 2023 में सरेराह गोलीबारी कर चुका है जिसका वीडियो वायरल हुआ था। जिसे गिरफ्तारी तो दूर, पुलिस उसे तलाशने की जहमत तक नहीं उठा रही। क्या इसे पुलिस की लापरवाही कहें या फिर सियासी दबाव में झुकी पुलिस। सूत्र बताते हैं कि आरोपियों को स्थानीय राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिससे कानून का शिकंजा कमजोर पड़ता दिख रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस तरह लव जिहाद और धर्मांतरण के खिलाफ सख्त नीति अपनाए हुए हैं, उसका असर ज़मीनी स्तर पर नजर नहीं आ रहा। क्या स्थानीय पुलिस सरकार की मंशा को पलीता लगाने पर तुली है। क्या चौक कोतवाली पुलिस को आदेशों से ज़्यादा आका प्यारे हैं। यह चुप्पी और निष्क्रियता समाज के लिए घातक है। धर्मांतरण जैसे मामलों में यदि तत्काल और कठोर कार्रवाई नहीं हुई तो इसमें बढ़ोतरी होना तय है। और फिर समाज में वैमनस्य, अस्थिरता और कानून के प्रति अविश्वास तेजी से पनपेगा। पुलिस ने अभी तक साजिश कर्ता आकिल, कैफ, आलम को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पुलिस इंस्पेक्टर चौक कोतवाली से हुई बात में उन्होंने बताया कि महिला के बयान हो जाए उसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महिला पर राजनीतिक दबाव बनाया जा रहे है उसके बयान ब्दलावने के लिए हिंदूवादी नेता लगाए गए हैं।