वी.एस. अच्युतानंदन नहीं रहे: 101 साल की उम्र में वामपंथ का लाल सितारा अस्त हुआ

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वी.एस. अच्युतानंदन नहीं रहे: 101 साल की उम्र में वामपंथ का लाल सितारा अस्त हुआ

भारत के प्रख्यात वामपंथी नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन का 21 जुलाई 2025 को 101 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे और तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। उनके निधन से भारतीय राजनीति में एक युग का अंत हो गया।

वीएस अच्युतानंदन ने गरीबी से लड़ते हुए कम्युनिस्ट आंदोलन से शुरुआत की थी और बाद में वे CPI(M) के संस्थापक सदस्यों में से एक बने। वह तीन बार केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे और वर्ष 2006 से 2011 तक केरल के मुख्यमंत्री पद पर रहे। 82 वर्ष की उम्र में मुख्यमंत्री बनने वाले वे राज्य के सबसे वरिष्ठ नेता थे।

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मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में भूमि सुधार, भ्रष्टाचार विरोधी अभियान, शिक्षा में डिजिटल बदलाव और सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने जैसे कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। उन्होंने माफिया और अवैध निर्माण के खिलाफ भी सख्त रुख अपनाया।

उनके निधन पर केरल सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है और 22 जुलाई को राज्य में सार्वजनिक अवकाश रखा गया। उनका अंतिम संस्कार 23 जुलाई को अलप्पुझा जिले में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।

हजारों की भीड़ ने ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारों के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी। पार्टी कार्यकर्ताओं, आम जनता और राजनीतिक दलों के नेताओं ने उन्हें ‘जननेता’ और ‘सच्चा कॉमरेड’ कहकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

वीएस अच्युतानंदन का जाना सिर्फ एक राजनेता का निधन नहीं, बल्कि भारतीय राजनीति में वैचारिक ईमानदारी और जनसंघर्ष की आवाज का शांत हो जाना है।

 

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