भारत में LGBTQ+ अधिकार: 2025 के महत्वपूर्ण कानून, न्याय और बदलाव
H1: भारत में LGBTQ+ अधिकारों पर नया कानून – 2025 अपडेट
नमस्ते! आज हम जानेंगे कि 2025 में भारत LGBTQ+ समुदाय के लिए क्या-क्या नए कानूनी बदलाव और फैसले हुए हैं, जिनसे देश में समावेशिता और समानता की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया।
—
1. 👨⚖️ सुप्रीम कोर्ट की सीमित वैवाहिक पहचान
अक्टूबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि समलैंगिक विवाह (same-sex marriage) को वैधता देने का अधिकार संसद का है, कोर्ट इसे कानून नहीं बना सकता। यद्यपि कोर्ट ने गैर भेदभाव व अधिकारों की रक्षा पर जोर दिया। यह स्पष्ट किया गया कि विवाह के बजाय civil unions को लागू करना कानून की जिम्मेदारी है ।
—
2. 🧾 चयनित परिवारों (Chosen Families) की कानूनी मान्यता
22 मई 2025 को मद्रास उच्च न्यायालय ने एक बेहद संवेदनशील मामले में निर्णय दिया: उन्होंने स्पष्ट किया कि समलैंगिक या queer couples शादी न होने पर भी ‘family unit’ की तरह माना जा सकते हैं, जिन्हें कानूनी संरक्षण मिलना चाहिए। इसमें Article 21 का इस्तेम कोट किया गया और “chosen family” की अवधारणा को संविधान की समानता व गरिमा के आधार पर मान्यता दी गई ।
Times of India की रिपोर्ट में बताया गया कि अदालत ने नवीनता से पारिवारिक नियंत्रण के खिलाफ कदम उठाया और पुलिस को भी queer जोड़ों को सुरक्षा देने का निर्देश दिया ।
—
3. 🏛️ Tamil Nadu की समावेशी नीति प्रस्तावना
तमिल नाडु ने LGBTQIA+ अधिकारों पर एक संपूर्ण राज्य नीति (Draft Policy 2025) प्रस्तावित की, जिसमें:
शिक्षा और रोजगार में 1% आरक्षण ट्रांसजेंडर और intersex व्यक्तियों के लिए
तमाम सरकारी सेवाओं और अस्पतालों में लिंग-न्यूट्रल (gender-neutral) सुविधाएं
queer relationships के लिए Deed of Familial Association जैसी पहलें शामिल हैं ।
प्रतिष्ठानों में जेंडर-न्यूट्रल सुविधाएं – एक मिसाल
जुलाई 2025 में मद्रास उच्च न्यायालय ने अपने भवन में gender-neutral toilets की शुरुआत की – जिससे सार्वजनिक संस्थानों में लिंग विविधता को सम्मान देने का precedent स्थापित हुआ ।
संविधान और कानून: उद्देश्य स्पष्ट लेकिन अमल बाकी
Navtej Singh Johar (2018) ने Section 377 हटाकर LGBTQ+ संबंधों को अपराध से मुक्त किया और समुदाय को संविधान की सुरक्षा दी ।
National Legal Services Authority (NLSTA) केस में अदालत ने ट्रांसजेंडर पहचान को तीसरे जेंडर के रूप में स्वीकार करते हुए SRS (operation) को पहचान का शर्त न बनाने का निर्देश जारी किया ।
—
🎙️ वीडियो वॉयसओवर हेतु स्क्रिप्ट (संवादात्मक और प्रभावशाली शैली)
> “भारत LGBTQ+ अधिकारों की दिशा में अब नए मुकाम पर पहुंच चुका है। पिछले वर्षों में सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों ने जो फैसले दिए हैं, उन्हें अब लागू करने की जिम्मेदारी सरकार और संसद की है।
सबसे पहले: सुप्रीम कोर्ट ने same-sex marriage को कानून बनाने से इनकार कर दिया, लेकिन समुदाय के हक को मान्यता देने का भी मार्ग प्रशस्त किया।
फिर मद्रास हाई कोर्ट ने कहा — आप शादी न करें, लेकिन आप एक दूसरे के साथ ज़िंदगी बना सकते हैं। ‘Chosen family’ को अब संविधान सुरक्षा देता है।
वहां खत्म न हो, तमिल नाडु की राज्य सरकार ने प्रस्तावित की एक inclusive policy, जिसमें ट्रांसजेंडर आरक्षण, gender‑neutral facilities, और queer रिश्तों के लिये Deed of Familial Association शामिल हैं।
मद्रास कोर्ट ने अपने परिसर में gender‑neutral toilets शुरू कर सबके लिए न्यायसंगत माहौल बनाया।
अभी कुछ और होने वाले बदलाव हैं — जैसे भारत सरकार के नए नियम, पारिवारिक अधिकार, बैंक खातों में नाम निर्धारण, ration cards में queer pairs को परिवार मानना — जो धीरे‑धीरे लागू हो रहे हैं (जैसा कि सितंबर 2024 में interim advisories में हुआ) ।
कुल मिलाकर:
आज LGBTQ+ व्यक्ति निजी पहचान, चयनित परिवार, और सम्मान के साथ अपने हक मांग सकते हैं।
लेकिन कानूनी विवाह (marriage equality) अभी भी parliament के जरिए ही संभव होगा।
अब ज़रूरत है कि संसद और राज्य अधिकार वह नए प्रस्तावों को कानून में तब्दील करें, जिससे इस समुदाय को पूरी तरह न्याय और समता मिल सके।”
—
✅ SEO कीवर्ड सुझाव:
भारत LGBTQ+ कानून 2025
LGBTQ अधिकार भारत नवीनतम
same‑sex marriage india law 2025
chosen family कानून भारत
LGBTQ policy Tamil Nadu 2025
—
इस स्क्रिप्ट का वीडियो वॉयसओवर तैयार करना हो, तो Male/Female tone, pacing, और pauses आदि बताएं — मैं फुल वॉयसओवर स्क्रिप्ट भी तैयार कर दूंगा।
अगर आपको किसी विशेष हिस्से में और विस्तार चाहिए (जैसे
राज्य‑वार नियम, adoption rights, blood-donation PIL केस आदि), बताइए — मैं उसमें विस्तार कर सकता हूँ।