इज़राइल पर बढ़ता वैश्विक दबाव: गाजा में संकट गहराया, बंधकों की रिहाई और युद्धविराम पर बनी अनिश्चितता

Advertisements

इज़राइल पर बढ़ता वैश्विक दबाव: गाजा में संकट गहराया, बंधकों की रिहाई और युद्धविराम पर बनी अनिश्चितता

 

मध्य पूर्व में एक बार फिर हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। इज़राइल और हमास के बीच जारी युद्ध ने न केवल गाजा में मानवीय संकट को और गहरा कर दिया है, बल्कि अब इज़राइल की आंतरिक राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को भी झकझोर कर रख दिया है। दुनियाभर से आवाज़ें उठ रही हैं कि अब युद्धविराम और बंधकों की रिहाई को लेकर ठोस और पूर्ण समझौते की आवश्यकता है, आंशिक सौदे अब स्वीकार नहीं किए जाएंगे।

Advertisements

 

हाल ही में अमेरिका और इज़राइल के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से यह स्पष्ट किया है कि अब केवल पूर्ण बंधक रिहाई और हमास के निरस्त्रीकरण पर आधारित समझौते को ही समर्थन मिलेगा। इससे यह साफ हो गया है कि अब केवल ‘थोड़ा-थोड़ा’ नहीं, बल्कि पूरे समाधान की मांग की जा रही है।

 

इस बीच गाजा में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। हजारों नागरिक विस्थापित हो चुके हैं, सैकड़ों भूख और दवा की कमी से जूझ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा में प्रतिदिन 500–600 राहत ट्रकों की आवश्यकता है, जबकि वर्तमान में मुश्किल से 100 ट्रक ही पहुँच पा रहे हैं। इज़राइल ने हर दिन 10 घंटे की युद्धविराम की घोषणा की है ताकि मानवीय राहत पहुंचाई जा सके, लेकिन ज़मीनी हकीकत कहीं ज्यादा भयावह है।

 

इधर इज़राइल के भीतर भी राजनीति उफान पर है। प्रधानमंत्री नेतन्याहू की सरकार को बड़ा झटका उस वक्त लगा जब उनके सहयोगी दल ‘United Torah Judaism’ के कई मंत्री बर्खास्तगी की धमकी के साथ इस्तीफा दे बैठे। इससे सरकार का बहुमत संकट में आ गया है, और नए चुनाव की अटकलें फिर से ज़ोर पकड़ने लगी हैं।

 

यही नहीं, इज़राइल के कुछ प्रमुख मंत्रियों ने तो वेस्ट बैंक को आधिकारिक रूप से ‘अनुलग्न’ (Annex) करने की मांग भी शुरू कर दी है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारी विरोध उठने लगा है। यूरोपीय यूनियन के कई सदस्य देशों ने इज़राइल के साथ व्यापारिक समझौते को फ्रीज़ करने की बात कही है, वहीं स्वीडन और स्लोवेनिया जैसे देश हथियारों के निर्यात पर प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं।

 

इन सबके बीच अमेरिकी प्रतिनिधि ‘स्टीव विटकॉफ़’ गाजा पहुंचे हैं ताकि जमीनी हालात का आकलन किया जा सके। उन्होंने माना कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो गाजा में “भूख से मौतें” और तेजी से बढ़ेंगी।

Advertisements
THE GREAT NEWS

THE GREAT NEWS

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *