Breaking: पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, दिल्ली के RML अस्पताल में ली आखिरी सांस
देश की राजनीति से एक बड़ी और दुखद खबर सामने आई है। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का आज निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में अंतिम सांस ली। सत्यपाल मलिक पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन की खबर से राजनीतिक गलियारों और उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई है।
सत्यपाल मलिक देश के उन नेताओं में शुमार रहे हैं, जिन्होंने अपनी स्पष्टवादिता और निष्पक्ष सोच के लिए एक अलग पहचान बनाई थी। वे जम्मू-कश्मीर, गोवा, मेघालय जैसे राज्यों के राज्यपाल रह चुके थे। खासकर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णयों का हिस्सा बनने के साथ-साथ केंद्र सरकार के फैसलों पर बेबाक राय देने में कभी पीछे नहीं हटे।
सत्यपाल मलिक का जन्म 24 जुलाई 1946 को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में हुआ था। वे शुरुआत में भारतीय क्रांति दल से जुड़े, फिर जनता दल और अंत में भारतीय जनता पार्टी के साथ राजनीतिक सफर जारी रखा। बाद में उन्हें विभिन्न राज्यों में राज्यपाल नियुक्त किया गया और कई संवेदनशील पदों की जिम्मेदारी निभाई।
उनका राजनीतिक जीवन जितना सक्रिय और स्पष्ट रहा, उतना ही विवादों से भी घिरा रहा। कई बार वे केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए भी नजर आए। किसानों के मुद्दों पर भी उन्होंने खुलकर आवाज़ उठाई थी, जिससे वे युवा वर्ग और ग्रामीण भारत के बीच एक मजबूत नेता के रूप में उभरे।
उनके निधन की पुष्टि के बाद सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलियों का सिलसिला शुरू हो गया है। देशभर के राजनीतिक नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और आम लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और राष्ट्रपति भवन की ओर से भी जल्द ही आधिकारिक शोक संदेश जारी किए जाने की संभावना है।
सत्यपाल मलिक का जाना केवल एक नेता का जाना नहीं है, बल्कि एक ऐसे युग का अंत है, जो सत्ता के सामने भी सच बोलने से नहीं डरता था। उनके विचार, उनके बयान और उनकी राजनीतिक ईमानदारी भारतीय राजनीति में एक मिसाल की तरह हमेशा याद किए जाएंगे।