Gangotri Dham 2025: आस्था, पर्यावरण और राजनीति के बीच फंसा हिमालय का यह पवित्र धाम
गंगोत्री धाम, जिसे भारत की जीवनरेखा गंगा नदी का उद्गम स्थल माना जाता है, आज केवल एक तीर्थस्थान नहीं रहा, बल्कि यह आस्था, पर्यावरण संरक्षण, पर्यटन और राजनीति के मेल का केंद्र बन चुका है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु गंगोत्री माता के दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन 2025 में इस तीर्थ के चारों ओर जो घटनाएं घट रही हैं, वो इसे सुर्खियों में ला चुकी हैं। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित यह धाम अक्षय तृतीया से लेकर दीपावली तक खुला रहता है और जैसे ही कपाट खुलते हैं, देश-विदेश से भक्तों का सैलाब यहां उमड़ पड़ता है। इस साल भी गंगोत्री यात्रा की शुरुआत भव्य मंत्रोच्चार, सैन्य बैंड और पारंपरिक पहाड़ी लोक गीतों के साथ हुई, लेकिन यात्रा शुरू होते ही कई चुनौतियां सामने आने लगीं – जैसे खराब सड़कें, सीमित मेडिकल सुविधा, मौसम का बदला मिज़ाज और सबसे अहम – तीर्थक्षेत्र के आसपास हो रहे अंधाधुंध निर्माण कार्य, जिसने इस पवित्र स्थल की पारंपरिक संरचना को खतरे में डाल दिया है।
गंगोत्री धाम के आसपास जो सड़
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