काशीपुर में गूंजेगा विभाजन का दर्द, स्मृति दिवस पर मुख्यमंत्री धामी और महापौर बाली करेंगे शिरकत
अज़हर मलिक
काशीपुर… आज़ादी से एक दिन पहले का वो लम्हा, जब एक लकीर ने सरहदें खींच दीं और लाखों सपनों को तोड़कर हमेशा के लिए बिछड़ने की मजबूरी दे दी। 14 अगस्त 1947 को हुआ भारत का विभाजन सिर्फ नक्शे में बदलाव नहीं था, बल्कि यह ऐसी त्रासदी थी जिसने अनगिनत परिवारों को लहूलुहान कर दिया। आज़ादी की खुशी के साथ-साथ उस दर्द को महसूस करने के लिए देश हर साल विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाता है, और इस बार काशीपुर इसका एक अहम गवाह बनने जा रहा है।
नगर निगम सभागार में आयोजित तैयारी बैठक में तय हुआ कि 14 अगस्त 2025 को सुबह 10 बजे अन्नया होटल, काशीपुर में एक भव्य और भावनाओं से भरा कार्यक्रम आयोजित होगा। इस ऐतिहासिक दिन पर उत्तराखंड के मुखिया मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। धामी हमेशा से देशभक्ति और राष्ट्रवाद के प्रति अपनी गहरी निष्ठा के लिए जाने जाते हैं, और इस बार भी वह उन परिवारों को सम्मान देंगे जिन्होंने विभाजन की आग में अपना सबकुछ खो दिया था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता काशीपुर के महापौर दीपक बाली करेंगे, जिनकी छवि हमेशा से जनसेवा और सामाजिक सरोकारों के लिए जानी जाती है। दीपक बाली ने साफ कहा – “वो जख्म, वो दर्द आज भी हमारे समाज में जिंदा हैं… प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा और मुख्यमंत्री धामी के मार्गदर्शन में हम इस कार्यक्रम को सिर्फ एक यादगार नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सीख बनाएंगे।”
इस अवसर पर पंजाब, सिंध, बंगाल, बिहार और देशभर के सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम में विभाजन की पीड़ा झेल चुके बुजुर्गों और परिवारों को विशेष सम्मान दिया जाएगा, और उन शहीदों व वीर सैनिकों को नमन किया जाएगा जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई में अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया।
14 अगस्त को काशीपुर के मंच पर न केवल विभाजन का दर्द गूंजेगा, बल्कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व और महापौर दीपक बाली की संवेदनशील सोच का भी संदेश हर दिल तक पहुंचेगा। यह दिन साबित करेगा कि काशीपुर सिर्फ इतिहास याद नहीं करता, बल्कि उस इतिहास से सीखकर आने वाले कल को और मजबूत बनाता है।