PM Modi–Zelensky Phone Call: Independence Day तैयारियों पर हुई अहम चर्च
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के बीच हाल ही में हुई फोन वार्ता ने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों स्तर पर खास ध्यान खींचा है, क्योंकि यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब भारत अपने 78वें Independence Day की तैयारियों में जुटा हुआ है और यूक्रेन रूस के साथ जारी युद्ध के बीच वैश्विक समर्थन और रणनीतिक सहयोग की तलाश में है, इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को स्वतंत्रता दिवस की अग्रिम शुभकामनाएँ दीं और साथ ही द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार, तकनीकी सहयोग, रक्षा और मानवीय सहायता जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की, पीएम मोदी ने ज़ेलेंस्की को आश्वस्त किया कि भारत शांति और संवाद के पक्ष में है और वह यूक्रेन संकट का समाधान कूटनीतिक तरीकों से खोजने के लिए हर संभव प्रयास करेगा, वहीं ज़ेलेंस्की ने भारत की ऐतिहासिक भूमिका और वैश्विक प्रभाव की सराहना करते हुए कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक राष्ट्र का सहयोग यूक्रेन के लिए बेहद मायने रखता है, इस वार्ता में दोनों पक्षों ने व्यापार और निवेश के अवसरों पर भी जोर दिया, खासकर कृषि, आईटी और ऊर्जा क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी, बातचीत के बीच पीएम मोदी ने भारत में 15 अगस्त को होने वाले Independence Day समारोह की तैयारियों का भी जिक्र किया, उन्होंने कहा कि इस साल का कार्यक्रम ‘Viksit Bharat @ 2047’ के विज़न पर केंद्रित होगा और इसमें आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया और ग्रीन एनर्जी जैसे अभियानों को प्रमुखता दी जाएगी, इस दौरान पीएम मोदी ने यूक्रेन के लोगों के लिए भारत द्वारा भेजी जा रही मानवीय सहायता का भी जिक्र किया, जिसमें दवाइयाँ, मेडिकल इक्विपमेंट और अनाज की खेप शामिल है, उन्होंने यह भी कहा कि भारत हमेशा जरूरतमंद देशों की मदद के लिए तैयार है, वहीं ज़ेलेंस्की ने भारत के तटस्थ और संतुलित रुख की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि भारत संयुक्त राष्ट्र और G20 जैसे मंचों पर यूक्रेन के हितों को आगे बढ़ाने में मदद करेगा, चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध के असर पर चिंता जताई, खासकर ग्लोबल साउथ देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे नकारात्मक प्रभाव को लेकर, उन्होंने कहा कि युद्ध से ऊर्जा कीमतों में बढ़ोतरी, खाद्य संकट और सप्लाई चेन में रुकावट जैसे गंभीर मुद्दे पैदा हुए हैं, जिन्हें हल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी है, ज़ेलेंस्की ने भी भारत को अपने शांति प्रस्तावों और युद्धविराम की संभावनाओं के बारे में जानकारी दी, दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि संवाद और बातचीत ही किसी भी संघर्ष का स्थायी समाधान हो सकते हैं, Independence Day तैयारियों के संदर्भ में पीएम मोदी ने बताया कि इस बार लाल किले से उनका संबोधन विशेष होगा, जिसमें वे युवाओं, किसानों, उद्यमियों और वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए भारत की आगामी 25 साल की विकास यात्रा का रोडमैप पेश करेंगे, इस बातचीत ने भारत-यूक्रेन रिश्तों में एक नई ऊर्जा का संचार किया है, क्योंकि एक ओर यह अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की सक्रिय भूमिका को दर्शाती है तो दूसरी ओर यह दिखाती है कि भारत घरेलू उत्सवों के बीच भी वैश्विक जिम्मेदारियों को नजरअंदाज नहीं करता, इस वार्ता के बाद विदेश मंत्रालय ने भी एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के बीच बातचीत सकारात्मक और रचनात्मक रही, दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और मित्रता को आगे बढ़ाने पर सहमति बनी और भविष्य में उच्च-स्तरीय दौरे और बैठकों के आयोजन पर भी चर्चा हुई, कुल मिलाकर यह फोन कॉल न सिर्फ कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा बल्कि Independence Day की तैयारियों के बीच भारत की वैश्विक छवि को भी मजबूती प्रदान करता है, जिससे यह साफ होता है कि भारत अपने राष्ट्रीय गौरव और अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को समान रूप से महत्व देता है