ट्रेन की स्लीपर कोच में पालतू कुत्ते को बांधने का मामला, यात्रियों में विवाद
भारतीय रेलवे (Indian Railways) के स्लीपर कोच में एक अनोखा लेकिन विवादित मामला सामने आया है, जहां एक यात्री ने अपने पालतू कुत्ते (Pet Dog) को बर्थ के पास रस्सी से बांध दिया। यह घटना देखते ही कोच में सवार यात्रियों के बीच बहस छिड़ गई और सोशल मीडिया पर इसका वीडियो तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में देखा जा सकता है कि कुत्ता बर्थ से बंधा हुआ है और आसपास बैठे यात्री इस पर आपत्ति जता रहे हैं। कुछ लोगों ने इसे “Cruelty to Animals” कहा, जबकि कुछ ने सवाल उठाया कि क्या रेलवे नियमों के तहत ऐसा करना सही है।
जानकारी के अनुसार, यह मामला दिल्ली से पटना जा रही एक ट्रेन का है। यात्री अपने पालतू कुत्ते को साथ लेकर आया और स्लीपर कोच में सीट से बांध दिया ताकि वह इधर-उधर न भागे। लेकिन इससे अन्य यात्रियों को दिक्कत होने लगी। कई लोगों ने कुत्ते से डरने की बात कही, वहीं कुछ यात्रियों ने साफ-सफाई और सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। इसके बाद कोच में जोरदार बहस शुरू हो गई और टीटीई को भी मौके पर बुलाना पड़ा।
रेलवे नियमों के मुताबिक पालतू जानवरों को आमतौर पर एसी फर्स्ट क्लास या लगेज वैन में यात्रा करने की अनुमति होती है। लेकिन स्लीपर कोच जैसे सामान्य डिब्बों में पालतू जानवर को बांधना या रखना नियमों के खिलाफ माना जाता है। इस मामले में यात्रियों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जो तेजी से वायरल हो गया और लोगों के बीच बहस छेड़ दी। ट्विटर पर #DogInTrain और #RailwayRules ट्रेंड करने लगे।
कुछ लोगों का कहना था कि कुत्ता भी परिवार का हिस्सा है और मालिक ने उसे सुरक्षित रखने के लिए बांधा था, इसमें कोई बुराई नहीं। वहीं दूसरी ओर, कई यात्रियों ने इसे पूरी तरह अनुचित बताते हुए कहा कि सार्वजनिक परिवहन में दूसरों की सुविधा और सुरक्षा का भी ध्यान रखना जरूरी है।
सोशल मीडिया पर यह मुद्दा दो भागों में बंट गया है। एक वर्ग कह रहा है कि रेलवे को पालतू जानवरों के लिए अलग व्यवस्था करनी चाहिए ताकि लोग बिना किसी विवाद के अपने पालतू को साथ लेकर सफर कर सकें। जबकि दूसरा वर्ग मानता है कि स्लीपर कोच जैसी जगह पर पालतू जानवरों को लाना ही गलत है।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और संबंधित यात्री को नियमों की जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि पालतू जानवरों के लिए पहले से निर्धारित गाइडलाइन मौजूद हैं और यात्रियों को उसी का पालन करना चाहिए।
कुल मिलाकर, यह घटना एक बार फिर रेलवे के Pet Travel Rules पर बहस खड़ी कर गई है। अब देखना होगा कि भविष्य में रेलवे यात्रियों और पालतू प्रेमियों दोनों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कोई नई गाइडलाइन जारी करता है या नहीं।