JP नड्डा ने राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ आरोप का उड़ाया मज़ाक, बोले – यह सब “Scripted PR” है
दिल्ली की सियासत (Delhi Politics) में एक बार फिर जुबानी जंग तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर बड़ा हमला बोलते हुए उनके हालिया बयान का मज़ाक उड़ाया है। दरअसल राहुल गांधी ने हाल ही में चुनाव आयोग और सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि देश में “वोट चोरी” (Vote Chori) हो रही है और लोकतंत्र पर खतरा मंडरा रहा है। इस पर पलटवार करते हुए नड्डा ने इसे पूरी तरह से “Scripted PR” करार दिया और कहा कि राहुल गांधी का हर बयान सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है, जिससे वह सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं।
नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राहुल गांधी हर चुनाव से पहले और बाद में एक ही तरह का बयान दोहराते हैं, जिससे साफ है कि यह कांग्रेस पार्टी का नया PR स्टंट है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस को जनता का विश्वास खोने की बजाय खुद के संगठन पर ध्यान देना चाहिए। भाजपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि भारत का लोकतंत्र बेहद मजबूत है और यहां वोट की चोरी नामुमकिन है क्योंकि चुनाव आयोग (Election Commission of India) की व्यवस्था दुनिया में सबसे पारदर्शी और निष्पक्ष मानी जाती है।
सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा चर्चा में है। भाजपा समर्थक जहां राहुल गांधी के बयान को हास्यास्पद बता रहे हैं, वहीं कांग्रेस समर्थक इसे गंभीर सवाल मानते हुए चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। ट्विटर पर #VoteChori और #ScriptedPR दोनों ही हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी के ऐसे बयान कांग्रेस के कोर वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश हैं, जबकि भाजपा इन्हें अपने खिलाफ झूठा प्रोपेगेंडा बताकर पलटवार करती है। दरअसल, विपक्ष का बड़ा हिस्सा बार-बार यह आरोप लगाता रहा है कि केंद्र सरकार EVM और चुनावी प्रक्रिया पर दबाव डालती है, लेकिन अब तक इन दावों को लेकर कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया है।
कुल मिलाकर, जेपी नड्डा और राहुल गांधी की इस जुबानी जंग ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। जहां कांग्रेस इसे लोकतंत्र बचाने की लड़ाई बता रही है, वहीं भाजपा इसे सिर्फ एक “scripted drama” मान रही है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद जनता की सोच और चुनावी समीकरणों को कितना प्रभावित करता है