निकी हेली का अमेरिकी विदेश नीति पर बयान – US-India संबंधों को ट्रैक पर लाने की सलाह, चीन का भी ज़िक्
अमेरिकी राजनीति में अपनी मजबूत पहचान बना चुकीं रिपब्लिकन नेता और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निकी हेली ने एक बार फिर विदेश नीति पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को अपनी रणनीति में US-India संबंधों को प्राथमिकता देनी चाहिए और उन्हें जल्द से जल्द ट्रैक पर लाने की ज़रूरत है। हेली ने साफ कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक माहौल में जब चीन लगातार अपनी ताकत बढ़ा रहा है और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपना दबदबा कायम करने की कोशिश कर रहा है, तब अमेरिका के लिए भारत जैसे भरोसेमंद साझेदार के साथ मजबूत रिश्ते बनाना बेहद अहम है।
निकी हेली का यह बयान उस समय आया है जब भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, टेक्नोलॉजी और व्यापार सहयोग को लेकर कई अहम चर्चाएं चल रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत न सिर्फ एक बड़ा लोकतांत्रिक देश है बल्कि वह अमेरिका के लिए चीन की आक्रामक नीतियों का संतुलन बनाने में एक स्वाभाविक सहयोगी भी है। उनके अनुसार, ट्रम्प को दोबारा सत्ता में आने की स्थिति में सबसे पहले इंडो-पैसिफिक रणनीति पर ध्यान देना होगा और इसमें भारत को केंद्र में रखकर काम करना होगा।
हेली ने यह भी स्पष्ट किया कि बीते कुछ समय में अमेरिका-भारत रिश्तों में उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं, लेकिन इन्हें सही दिशा देने की जिम्मेदारी दोनों देशों की है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि व्यापारिक मतभेद और वीज़ा पॉलिसी जैसी चुनौतियां बार-बार रिश्तों में अड़चन डालती हैं, जिन्हें दूर करना ज़रूरी है। वहीं, रक्षा क्षेत्र में सहयोग और तकनीकी साझेदारी ऐसे मुद्दे हैं जहां दोनों देशों के लिए अपार संभावनाएं हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि निकी हेली का यह बयान सिर्फ ट्रम्प को सलाह नहीं बल्कि रिपब्लिकन पार्टी की व्यापक विदेश नीति की झलक भी देता है, जिसमें चीन को चुनौती देने के लिए भारत को अहम सहयोगी माना गया है। वहीं, भारतीय राजनीति और रणनीतिक हलकों में भी उनके इस बयान को सकारात्मक नजर से देखा जा रहा है क्योंकि यह दर्शाता है कि अमेरिका के भीतर भी भारत को लेकर एक व्यापक सहमति बन चुकी है।
अब देखना होगा कि अगर 2026 के अमेरिकी चुनावों में सत्ता संतुलन बदलता है, तो US-India रिश्तों की दिशा किस तरह से तय होती है। लेकिन इतना तय है कि निकी हेली का यह बयान आने वाले महीनों में भारत-अमेरिका संबंधों पर नई बहस छेड़ सकता है और चीन के संदर्भ में दोनों देशों के बीच रणनीतिक समझौते की संभावनाएं और भी प्रबल हो सकती हैं।