नई संसद नियम: गंभीर मामलों में PM/CM को पोज़िशन छोड़ना पड़ेग
भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में जवाबदेही और पारदर्शिता को और मज़बूती देने के लिए संसद ने एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। नए संसदीय नियमों के अनुसार यदि प्रधानमंत्री (PM) या मुख्यमंत्री (CM) किसी गंभीर आपराधिक मामले में जेल जाते हैं, तो उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना होगा। यह प्रावधान भारत की राजनीति में नया अध्याय जोड़ता है क्योंकि इससे सत्ता में बैठे शीर्ष नेताओं की जवाबदेही, ईमानदारी और संवैधानिक मूल्यों के पालन पर ज़ोर दिया गया है।
अब तक कई बार ऐसा हुआ है कि गंभीर आरोपों का सामना करने वाले नेता पद पर बने रहते थे और न्यायिक प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक प्रभाव डालने की आशंकाएं बनी रहती थीं। इस नए नियम के बाद ऐसी संभावनाओं पर लगाम लगेगी। संसद की विशेष समिति ने यह सिफारिश की थी कि लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि यदि कोई जनप्रतिनिधि जेल जाता है तो वह सार्वजनिक पद पर न बना रहे, ताकि न तो शासन की विश्वसनीयता प्रभावित हो और न ही जनता का विश्वास डगमगाए।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारतीय राजनीति को एक नई दिशा देगा। इससे न केवल भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग पर अंकुश लगेगा बल्कि राजनीतिक दलों पर भी साफ-सुथरे नेतृत्व को आगे लाने का दबाव बढ़ेगा। इस नियम के अंतर्गत प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के अलावा उन मंत्रियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है जिन पर गंभीर अपराधों के आरोप सिद्ध होते हैं।
विपक्ष ने इसे एक सकारात्मक पहल बताया है, जबकि कुछ राजनीतिक दलों ने आशंका जताई है कि कहीं इस नियम का राजनीतिक हथियार के रूप में दुरुपयो
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