पर्यावरणीय बदलाव से घट रही इंद्रधनुष की सुंदरता, अध्ययन में खुलासा कि कई इलाकों में कम दिखाई दे रहे हैं Rainbows

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पर्यावरणीय बदलाव से घट रही इंद्रधनुष की सुंदरता, अध्ययन में खुलासा कि कई इलाकों में कम दिखाई दे रहे हैं Rainbow

 

इंद्रधनुष (Rainbow) जिसे प्रकृति की सबसे खूबसूरत देन माना जाता है, अब धीरे-धीरे कुछ इलाकों से गायब होने लगा है। हाल ही में आए एक वैज्ञानिक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि पर्यावरणीय बदलाव (Environmental Changes), जलवायु असंतुलन और प्रदूषण की वजह से कई क्षेत्रों में इंद्रधनुष पहले की तुलना में बहुत कम दिखाई दे रहे हैं। यह रिपोर्ट बताती है कि जहां पहले बारिश के बाद या सुबह-शाम की नमी भरी हवा में आसमान में सात रंगों वाला इंद्रधनुष आसानी से देखा जा सकता था, वहीं अब वही दृश्य कम ही देखने को मिलता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि वायुमंडल में बढ़ती धूलकण (Dust Particles), स्मॉग, और ग्रीनहाउस गैसों का स्तर बढ़ने से सूर्य की रोशनी और पानी की बूंदों के बीच होने वाला वह प्राकृतिक अपवर्तन (Refraction) बाधित हो रहा है, जिससे इंद्रधनुष का बनना कम होता जा रहा है।

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इस अध्ययन में यह भी बताया गया कि ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण कई इलाकों में बारिश का पैटर्न बदल गया है और नमी (Moisture) की मात्रा भी पहले जैसी नहीं रही। जिन क्षेत्रों में बारिश कम होती जा रही है वहां इंद्रधनुष के बनने की संभावना बेहद कम हो गई है। यही कारण है कि शहरी इलाकों में रहने वाले लोग अब इंद्रधनुष को देखने के लिए तरसने लगे हैं, जबकि गांव और पहाड़ी क्षेत्रों में जहां अभी भी हरियाली और प्राकृतिक वातावरण बचा हुआ है, वहां इसकी झलक देखने को मिल जाती है।

 

पर्यावरणविदों का कहना है कि इंद्रधनुष का घटना केवल सौंदर्य या आकाश की सजावट नहीं है बल्कि यह वातावरण की स्वच्छता और संतुलन का भी प्रतीक है। जब आसमान साफ होता है, हवा में नमी उचित मात्रा में होती है और सूरज की किरणें बिना प्रदूषण के अवरोध के गिरती हैं तभी इंद्रधनुष साफ-साफ दिखाई देता है। लेकिन शहरी प्रदूषण, कारखानों का धुआं, गाड़ियों से निकलता कार्बन और कटते पेड़ इसकी खूबसूरती को धीरे-धीरे निगल रहे हैं।

 

सोशल मीडिया पर भी अक्सर लोग इस बात पर चर्चा करते दिखते हैं

कि ”

 

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