क्रिकेट में विवाद: पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ ने गौतम गंभीर पर लगाया पक्षपात का आरोप, फैंस के बीच गरमा गई बह
भारतीय क्रिकेट एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। इस बार मामला जुड़ा है पूर्व ओपनर गौतम गंभीर से, जो फिलहाल क्रिकेट प्रशासन और मेंटरिंग रोल्स में सक्रिय हैं। एक पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ ने गंभीर पर पक्षपात (Favoritism) का आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके फैसलों और चयन प्रक्रियाओं में निष्पक्षता की कमी रही है। इस बयान ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है और सोशल मीडिया पर फैंस दो गुटों में बंट गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व बल्लेबाज़ का आरोप है कि गौतम गंभीर ने अपने नज़दीकी खिलाड़ियों को ज्यादा मौके दिए, जबकि कई टैलेंटेड खिलाड़ियों को नज़रअंदाज़ कर दिया गया। उन्होंने कहा कि चयन और टीम मैनेजमेंट में इस तरह का पक्षपात क्रिकेट के भविष्य के लिए खतरनाक हो सकता है। हालांकि, गंभीर ने इस पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया है, लेकिन उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि “गंभीर हमेशा टीम की ज़रूरत को प्राथमिकता देते हैं और निजी स्तर पर किसी खिलाड़ी को तरजीह देने का सवाल ही नहीं उठता।”
जैसे ही यह खबर सामने आई, Twitter (अब X) और Instagram पर #GautamGambhir, #CricketControversy और #IndianCricket जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। कुछ यूज़र्स ने गंभीर का बचाव करते हुए कहा कि वे हमेशा आक्रामक और टीम-फर्स्ट खिलाड़ी रहे हैं, जबकि कुछ लोगों ने पूर्व बल्लेबाज़ के आरोपों को सही ठहराया और लिखा कि भारतीय क्रिकेट में चयन की पारदर्शिता को लेकर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं।
क्रिकेट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस विवाद का असर आने वाले टूर्नामेंट्स की तैयारियों पर पड़ सकता है। गौरतलब है कि गौतम गंभीर न केवल भारत के लिए वर्ल्ड कप विजेता खिलाड़ी रहे हैं बल्कि कई फ्रेंचाइज़ी टीमों के मेंटर के तौर पर भी काम कर चुके हैं। ऐसे में उनके ऊपर उठे इस आरोप ने माहौल को और गरमा दिया है।
फैंस की राय बंटी हुई है। कुछ लोग मानते हैं कि यह बयान सिर्फ सुर्खियों में आने के लिए दिया गया है, जबकि कुछ का कहना है कि भारतीय क्रिकेट को वाकई निष्पक्ष चयन प्रणाली की ज़रूरत है ताकि हर प्रतिभाशाली खिलाड़ी को बराबरी का मौका मिल सके।
कुल मिलाकर, पूर्व भारतीय बल्लेबाज़ का यह आरोप क्रिकेट जगत में बड़ा मुद्दा बन गया है। अब सबकी नज़रें इस बात पर होंगी कि क्या गौतम गंभीर इस विवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया देंगे या इसे नज़रअंदाज़ कर आगे बढ़ेंगे। लेकिन इतना तय है कि यह मामला क्रिकेट फैंस और एक्सपर्ट्स के बीच लंबे समय तक चर्चा का विषय बना रहेगा।