नोएडा डॉवरी मर्डर केस में नया मोड़: पुलिस कस्टडी में आरोपी को गोली लगी, जांच और मुकदमा शुरू
हिंदुस्तान टाइम्स और NDTV जैसी राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नोएडा में हुए Dowry Murder Case ने अब एक और सनसनीखेज मोड़ ले लिया है क्योंकि इस मामले के मुख्य आरोपी को पुलिस कस्टडी में गोली लग गई है, जिसके बाद पूरे मामले ने राजनीतिक और कानूनी विवाद का रूप ले लिया है। जानकारी के अनुसार आरोपी को दहेज हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल पुलिस की कड़ी निगरानी में था, लेकिन पूछताछ के दौरान अचानक गोली चलने की घटना सामने आई जिससे आरोपी गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस का दावा है कि आरोपी ने हथियार छीनने की कोशिश की, इसी दौरान मुठभेड़ जैसी स्थिति बनी और गोली चल गई, जबकि आरोपी पक्ष और उसके परिवार का आरोप है कि यह एक फर्जी एनकाउंटर है और आरोपी को जानबूझकर मारने की कोशिश की गई है। घटना के तुरंत बाद आरोपी को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं, इस घटना ने दहेज हत्या के केस को और भी पेचीदा बना दिया है क्योंकि पहले से ही यह केस मीडिया की सुर्खियों में था और अब पुलिस कस्टडी में गोली लगने से सवाल उठने लगे हैं कि आखिर सुरक्षा इंतज़ामों के बावजूद ऐसी घटना कैसे हुई। सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर #NoidaDowryMurder, #CustodyShooting जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं और लोग पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। मानवाधिकार संगठनों और महिला आयोग ने इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि यह पता चल सके कि गोली चलने की घटना वास्तव में मुठभेड़ का नतीजा थी या फिर पुलिस की लापरवाही और मनमानी का हिस्सा। दूसरी ओर, कानूनी एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर यह साबित हो गया कि पुलिस ने जानबूझकर आरोपी को नुकसान पहुँचाया है तो यह मामला पुलिस की कार्यशैली पर गहरी चोट करेगा और कानून-व्यवस्था की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करेगा। कुल मिलाकर नोएडा का यह मामला अब सिर्फ एक डॉवरी मर्डर केस नहीं रहा बल्कि यह Police Custody Safety, Human Rights और Law Enforcement Accountability से जुड़ा बड़ा मुद्दा बन गया है जिस पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं।