मोदी ने “Arsenal of सुधार” की घोषणा, बहु-क्षेत्रीय नीति में बड़ा परिवर्तन आमंत्रित

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मोदी ने “Arsenal of सुधार” की घोषणा, बहु-क्षेत्रीय नीति में बड़ा परिवर्तन आमंत्रित

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में “Arsenal of सुधार” की घोषणा करते हुए भारत की बहु-क्षेत्रीय नीति में बड़े परिवर्तन का संकेत दिया है, जिसे राजनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक हलकों में भविष्य की नई दिशा माना जा रहा है। यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब भारत वैश्विक स्तर पर न केवल अपनी आर्थिक शक्ति और Foreign Policy को मजबूत कर रहा है, बल्कि घरेलू स्तर पर भी विभिन्न क्षेत्रों में सुधारों की एक नई श्रृंखला शुरू कर रहा है। “Arsenal of सुधार” का मतलब केवल किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, टेक्नोलॉजी, रक्षा, पर्यावरण, ग्रामीण विकास, डिजिटल इंडिया, रोजगार और सामाजिक कल्याण तक फैले व्यापक सुधारों का पैकेज है। मोदी ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य तभी पूरा हो पाएगा जब सरकार पारंपरिक सोच से आगे बढ़कर Multi-Sectoral Transformation की दिशा में कदम बढ़ाएगी।

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इस सुधार अभियान के तहत Digital Governance, AI Integration, Green Energy, Defence Modernization और Healthcare Access जैसे क्षेत्रों में ठोस रणनीति पर काम किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अब दुनिया में “Reform Exporter” के रूप में उभरेगा, यानी भारत की नीतियां और योजनाएं अन्य देशों के लिए भी एक मॉडल बनेंगी। बहु-क्षेत्रीय नीति में यह बदलाव भारत को न केवल Global South का नेता बनाएगा बल्कि Developed Nations के बीच भी एक भरोसेमंद Partner की तरह स्थापित करेगा। मोदी ने इस दौरान युवाओं, उद्यमियों और किसानों को भी केंद्र में रखते हुए कहा कि सुधार केवल कागज़ पर नहीं, बल्कि जमीन पर दिखने चाहिए।

 

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि “Arsenal of सुधार” केवल एक स्लोगन नहीं, बल्कि Structural Transformation की दिशा में भारत का सबसे बड़ा प्रयोग है। इसमें Ease of Doing Business, Manufacturing Boost, Export-Import Balance, Skill Development और Clean Energy Transition जैसे मुद्दे प्रमुख होंगे। साथ ही, यह पहल भारत की Neighbourhood First और Act East Policy से लेकर Middle East और Africa तक की कूटनीतिक रणनीतियों को भी प्रभावित करेगी। विशेषज्ञों के अनुसार यह सुधार कार्यक्रम भारत की Soft Power और Hard Power दोनों को बढ़ाएगा।

 

भारत की जनता के लिए सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह होगा कि इन सुधारों से आने वाले समय में रोजगार के नए अवसर, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं, कृषि में आधुनिक तकनीक और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ मिलेगा। मोदी ने कहा कि आने वाले दशक को भारत का “Golden Era of Reforms” बनाने के लिए सरकार हर क्षेत्र में Investment और Policy Innovation करेगी।

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