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नटवरलाल का नया खेल हो गया फेल” — भारत सरकार और रेलवे का बोर्ड लगाकर चल रही थी सागौन की तस्करी, वन विभाग ने भंडाफोड़ किया!
लालकुआँ। तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रुद्रपुर की टांडा रेंज में नटवरलाल गैंग का नया खेल आखिरकार वन विभाग ने पकड़ ही लिया। इस बार तस्करों ने अपने नेटवर्क लाल की नई चाल चली — उन्होंने अपनी कार पर बड़े-बड़े अक्षरों में “भारत सरकार – पूर्वोत्तम रेलवे” लिखवा रखा था, ताकि कोई शक तक न करे। लेकिन वन विभाग की सतर्क टीम ने इस चालाकी भरे खेल का पर्दाफाश कर दिया।
मामला तब सामने आया जब विभाग को सूचना मिली कि एक सफेद अर्टिगा कार (UK04-AG-9766) जो “भारत सरकार पूर्वोत्तम रेलवे” के बोर्ड से सजी हुई थी, जंगल से बार-बार आ-जा रही है। यह वही कार थी, जो दिखावे में दूध सप्लाई के लिए इस्तेमाल की जाती थी, मगर असल में इसके अंदर छिपा था तस्करी का काला कारोबार। जब विभाग की टीम ने घेराबंदी की, तो कार से बेशकीमती सागौन की लकड़ी की दो गिल्टें बरामद हुईं, जिनकी कीमत करीब 50 हजार रुपये आंकी गई।
पकड़े गए आरोपी आकाश सिंह ने कबूल किया कि वह दुग्ध व्यापार की आड़ में लकड़ी की तस्करी करता था और कई अन्य साथी भी इस नेटवर्क का हिस्सा हैं। यह गैंग जंगलों से लकड़ी काटकर उसे शहरों तक पहुंचाता था, और “भारत सरकार” का बोर्ड लगाकर सुरक्षा जांच से बच निकलता था।
वन विभाग ने आरोपी को गिरफ्तार कर वन संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। वहीं डिप्टी रेंजर वीरेंद्र परिहार और वन क्षेत्राधिकारी रूपनारायण गौतम के नेतृत्व में टीम ने कार को सीज कर लिया है और फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी है।
वन विभाग की यह कार्रवाई उस नटवरलाल नेटवर्क का खुलासा करती है जो सरकारी पहचान का मुखौटा लगाकर तस्करी के गंदे खेल को अंजाम दे रहा था — लेकिन इस बार “नटवरलाल का नया खेल हो गया फेल!”
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